भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि पीएम केयर्स कोष संबंधी उच्चतम न्यायालय का फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘कुटिल’ मंसूबों उनके सहयोगियों की ‘दुर्भावना द्वेषपूर्ण’ कोशिशों को तगड़ा झटका है. उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को कोविड-19 से लड़ने के लिए पीएम केयर्स कोष में आई दान की राशि को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) में स्थानांतरित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि पीएम केयर्स को लेकर उच्चतम न्यायालय का फैसला राहुल गांधी के कुटिल मंसूबों उनके सहयोगियों की कोशिशों को तगड़ा झटका है. यह दर्शाता है कि कांग्रेस उसके सहयोगियों की दुर्भावना द्वेषपूर्ण कोशिशों के बावजूद सत्य की चमक बरकरार रहती है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के हल्ला मचाकर दोषारोपण करने की आदत को जनता ने लगातार नकारा है उसी जनता ने पीएम केयर्स कोष में दिल खोलकर दान किया है.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला सुना दिया है. क्या राहुल गांधी तथाकथित कार्यकर्ताओं की उनकी टोली अब भी अपने तौर तरीकों में सुधार करेगी या आगे भी यूं ही शर्मिंदा होती रहेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष को दशकों से व्यक्तिगत जागीर के रूप में संचालित किया नागरिकों की मेहनत से अर्जित धन, जो आपदा के समय देश के अन्य नागरिकों की मदद के लिए दिया गया था, को अपने परिवार के न्यासों को ट्रांसफर कर दिया.
नड्डा ने कहा कि देश बहुत अच्छी तरह से जानता है कि पीएम केयर्स फंड के खिलाफ झूठा अभियान कांग्रेस द्वारा अपने पापों को धोने का एक प्रयास है. उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनाया, जिसमें कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पीएम केयर्स कोष में जमा राशि एनडीआरएफ में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने 28 मार्च को आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत (पीएम केयर्स) कोष की स्थापना की थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य कोविड-19 की वजह से उत्पन्न मौजूदा परिस्थिति से निपटना प्रभावितों को राहत पहुंचाना था. इस कोष के प्रधानमंत्री पदेन अध्यक्ष बनाए गए हैं रक्षामंत्री, गृहमंत्री वित्तमंत्री पदेन न्यासी हैं.