‘वर्क फॉर होम’ करने वाले 90 प्रतिशत कर्मचारी हुए परेशान

नई दिल्ली: संपत्ति को लेकर परामर्श देने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया के एक सर्वेक्षण के अनुसार, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में घर से काम कर रहे लगभग 90 प्रतिशत कर्मचारी कार्यालय के माहौल को याद करते हैं।

सर्वेक्षण में कॉरपोरेट रियल एस्टेट क्षेत्र के ऊपर ‘घर से काम’ के प्रभाव का दो तरीके ‘कर्मचारी अंतर्दृष्टि और लागत संरचना’ से अध्ययन किया गया। नाइट फ्रैंक इंडिया की ‘वर्क फ्रॉम होम एंड दी इंपैक्ट ऑन कॉरपोरेट रियल एस्टेट’ रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल लगभग 90 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे घर से काम के इस दौर में कार्यालय के महौल को याद करते हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के सर्वाधिक 98 प्रतिशत कर्मचारी कार्यालय के माहौल को याद करते हैं। इसके बाद मुंबई में 94 प्रतिशत, बेंगलुरू में 91 प्रतिशत, चेन्नई में 90 प्रतिशत, पुणे में 88 प्रतिशत और हैदराबाद में 81 प्रतिशत लोग कार्यालय के माहौल को याद करते हैं।

सर्वेक्षण में यह भी जानकारी सामने आयी कि ‘घर से काम’ के कारण उत्पादकता और काम की गुणवत्ता में गिरावट आयी है। इसमें शामिल 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ‘घर से काम’ के चलते उनका समय बच रहा है, क्योंकि अब उन्हें कार्यालय नहीं जाना पड़ रहा है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘इस साल मार्च में लॉकडाउन लागू होने के साथ ही ‘घर से काम’ अनिवार्य हो गया। कोविड-19 का संक्रमण अभी भी जारी है और भारत में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में बहुत से लोग अभी भी घर से काम करना पसंद कर रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे स्थिति सामान्य हो रही है और अर्थव्यवस्था खुल रही है, यह देखना होगा कि आने वाले समय में कितने कर्मचारी ‘घर से काम’ जारी रखना पसंद करते हैं।’

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