तीसरा किसान बिल भी राज्यसभा से पास, कांग्रेस समेत विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी

नई दिल्ली: विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच तीसरा किसान बिल भी राज्यसभा से पारित हो गया है. राज्यसभा ने अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्‍याज और आलू को आवश्‍यक वस्‍तुओं की सूची से हटाने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दी. लोकसभा ने 15 सितंबर को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी थी. इस बिल में खाद्य पदार्थों जैसे अनाज, दालें और प्याज को नियंत्रण मुक्त करने का प्रावधान है. बिल में बताया गया है कि अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज आवश्यक वस्तु नहीं होंगे. उत्पादन, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म होगा. फूड सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी. उपभोक्ताओं के लिए भी कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी. सब्जियों की कीमतें दोगुनी होने पर स्टॉक लिमिट लागू होगी.

विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्यवाही का बहिकार
नराज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने आठ सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए कार्यवाही का बहिष्कार किया. सबसे पहले कांग्रेस ने कार्यवाही का बहिष्कार किया. इसके बाद आप, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने भी कार्यवाही का बहिष्कार किया. बाद में राकांपा, सपा और राजद के सदस्य भी सदन से बाहर चले गए. सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और चर्चा में भाग लेने की अपील की. नायडू ने सदन में कहा, “मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे बहिष्कार के अपने फैसले पर फिर से विचार करें और चर्चा में भाग लें.” संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार निलंबित सांसदों को सदन से बाहर रखने को लेकर जिद पर नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर वे सदस्य खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस पर गौर करेगी. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सरकार और विपक्ष को एक साथ बैठ कर फैसला करना चाहिए.

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