बाबरी विध्वंस फैसला आने के बाद साक्षी महाराज बोले- वहां बाबरी मस्जिद थी ही नहीं, प्रभु राम का मंदिर था

बाबरी विध्वंस मामले सीबीआई कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि वहां बाबरी मस्जिद थी ही नहीं, वहां श्रीराम का मंदिर था. साथ ही साक्षी महाराज ने इस मामले में कांग्रेस पर झूठी एफआईआर दर्ज कराने का आरोप लगाया है. साक्षी महाराज ने कहा, “हमारी कोई साजिश नहीं थी. इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में कांग्रेस की साजिश थी. 28 साल पहले एफआईआर दर्ज की गई और 28 साल बाद स्थिति ये हो गई कि खोदा पहाड़, निकली चुहिया मरी हुई, लेकिन यहां तो चुहिया भी नहीं निकली.” क्या बाबरी मस्जिद साजिश के तहत गिराई गई? इस सवाल के जवाब में साक्षी महाराज ने कहा, “कहां ढांचा गिराया था! आप लोग बाबरी कहते-कहते पागल हो जाओगे, वहां बाबरी मस्जिद थी ही नहीं. वहां प्रभु भगवान राम का मंदिर था.”

“कांग्रेस ने झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया”
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कांग्रेस पर बीजेपी नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाया है. योगी ने कहा, “सत्यमेव जयते! CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है. तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों, बीजेपी नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया. इस साजिश के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए.” बता दें, अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को गिराए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया. अदालत ने इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. 28 साल से चल रहे इस मुकदमे का विशेष जज एस.के. यादव ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था. घटना के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं.

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