देहरादून: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में एक साथ नई सरकारें अस्तित्व में आईं। दोनों ही जगह भाजपा सत्ता में है तो जाहिर है कि दोनों सरकारों के बीच तुलना भी होगी। उत्तर प्रदेश में जहां मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी फैसलों को लेकर मीडिया में छाए हुए हैं, वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत धीमे-धीमे मगर विश्वास के साथ मजबूत कदम बढ़ा रहे हैं। एक माह के कार्यकाल पर गौर करें तो त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दे पर ठोस फैसले लिए और सुशासन का संदेश दिया।
भ्रष्टाचार पर मंशा साफ
राज्य की सरकार के एक माह के कार्यकाल में अहम फैसलों की बात करें तो पहले ही सत्र में भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रहार की मंशा साफ की। इसमें लोकायुक्त विधेयक और तबादला विधेयक सदन में रखे गए। ये दोनों ही विधेयक सीधे तौर पर भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करते हैं। हालांकि, अभी दोनों विधेयक प्रवर समिति के पास हैं और इसी माह इन पर समिति अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इन्हें दोबारा सदन में रखा जाएगा।
भ्रष्टाचार में कई नपे
राज्य सरकार की भ्रष्टाचार पर धरातलीय कार्यवाही की बात करें तो ऊधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग भूमि अधिग्रहण घोटाले और पिटकुल में ट्रांसफार्मर खरीद घोटाले में सरकार ने ठोस फैसले लिए। इन दोनों में मामलों में छह पीसीएस व चार इंजीनियर निलंबित हुए। इसके साथ ही एनएच घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति मुख्यमंत्री ने की। इनके अलावा अवैध खनन पर रोक के लिए विशेष टीम गठित की गई।
सस्ती हवाई सेवा का करार रद
राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्र्रेस सरकार के सस्ती हवाई सेवाओं में नियमों के उल्लंघन के फैसले को रद किया। केदारनाथ समेत चारधाम में निजी कंपनी के माध्यम से यह सेवा संचालित की जा रही थी। आरोप था कि कंपनी के पास न अनुभव था और न ही संसाधन
विकास के लिए उठाए कदम
विकास के मुद्दे पर बात करें तो ऑल वेदर रोड के लिए केंद्र से 3000 करोड़ और कर्णप्रयास-ऋषिकेश रेल लाइन के लिए 2057 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार ने जारी कराई। इतना ही नहीं रेल विकास निगम और ऑल वेदर रोड को मुख्यमंत्री ने समयबद्ध कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को जल्द इसका लाभ मिल सके। सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी, उच्च शिक्षा में सुधार, दिव्यांगों के घर जाकर आधार कार्ड बनाने के निर्देश।
अन्य मामलों में भी ठोस पहल
राज्य सरकार ने आम लोगों से जुड़े अन्य मामलों में भी ठोस कदम उठाए। इनमें किसानों का ऋण आगामी पांच साल तक के लिए माफ किया गया। इसके साथ ही शराब व्यापारियों को राहत देने के लिए राज्य राज मार्गों को जिला मार्ग घोषित किया गया।
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के मामले को राज्यपाल के अभिभाषण का हिस्सा बनाया गया। साथ ही पर्वतीय जिलों में विकास के लिए अलग से योजनाएं बनाने और प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।