अज़रबैजान का एक सैनिक देश का झंडा लहराते हुए
अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने दावा किया है कि उनकी सेना ने दक्षिणी जेबरैल ज़िले के 13 और गांवों पर दोबारा क़ब्ज़ा कर लिया है.
सोमवार को राष्ट्रपति इल्हाम अलीवेय ने ट्वीट किया, “जेबरैल ज़िले के सोलतानी, अमीरवर्ली, हसनाली, अलीकेशानली, क़ुमलक़, हासिली, गोयारसिनवेसल्ली, नियाज़कुल्लर, केसाल मम्मदली, साहवली, हासी इस्माइली और इसाक़ली गांव आज़ाद करा लिए गए हैं.”
ब्लॉगर हबीब मुन्तज़िर ने एक मैप पोस्ट किया है जिससे पता चलता है कि यह सारे गांव ईरान की सीमा के आस-पास हैं.
राष्ट्रपति ने 18 अक्टूबर को ट्वीट किया था कि अज़रबैजान की सेना ने अराकेज़ नदी पर बने ख़ुदाफ़ारिन पुल पर अपना झंडा फहरा दिया है जो कि 1990 के दशक से आर्मीनिया के क़ब्ज़े में था.
कई लोगों ने टेलीग्राम पर वीडियो शेयर किए हैं जिनमें ख़ुदाफ़ारिन पुल के पास ईरान के दर्जनों अज़रबैजानी अज़ेरी सैनिकों का स्वागत करते हुए देखे जा सकते हैं.
अज़रबैजान ने शवों को वापस करने की दोबारा पेशकश की
अज़रबैजान में युद्ध में बंदी बनाए गए या लापता हुए लोगों के आयोग ने एक बार फिर अपने प्रस्ताव को दोहराया है जिसमें उसने आर्मीनिया के सैनिकों के शवों को आर्मीनिया-अज़रबैजान सीमा के उत्तरी सेक्शन में बने एक ख़ास कॉरिडोर के रास्ते वापस करने की बात कही है.
अज़रताज़ एजेंसी के अनुसार इस आयोग के अधिकारियों ने रेड क्रॉस के अधिकारियों से मुलाक़ात की है और उनसे आधिकारिक तौर पर आर्मीनियो को इस प्रस्ताव की सूचना देने के लिए कहा है.
शनिवार रात और रविवार के बीच दोनों पक्षों ने युद्ध विराम की घोषणा की थी जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों ओर के युद्ध बंदियों और शवों की अदला-बदली करना था.
लेकिन दोनों पक्षों की तरफ़ से आ रही ख़बरों के आधार पर कहा जा सकता है कि युद्ध विराम वास्तव में शुरू नहीं हुआ है.
अज़रबैजान के दो मानवरहित हवाई जहाज़ को मार गिराने का दावा
आर्मेनप्रेस न्यूज़ एजेंसी के अनुसार आर्मीनिया समर्थित नागोर्नो-काराबाख़ की वायु सेना ने अज़रबैजान के दो मानवरहित हवाई जहाज़ (UAVs) को मार गिराने का दावा किया है. एजेंसी ने काराबाख़ की सेना के हवाले से यह ख़बर दी है.
एजेंसी के अनुसार, “18 अक्तूबर को अज़रबैजान अपने मानवरहित हवाई जहाज़ के ज़रिए लगातार काराबाख़ की वायु सीमा का उल्लंघन कर रहा था जबकि 17 अक्तूबर के रात बारह बजे से मानवीय आधार पर युद्ध विराम लागू हो चुका था.”
समाचार एजेंसी आर्मेनप्रेस ने काराबाख़ सेना के हवाले से लिखा है कि अज़रबैजान ने युद्धविराम के लागू होने के बाद भी उसका उल्लंघन जारी रखा और लड़ाई वाले उत्तरी इलाक़ों में रॉकेट से हमले किए जबकि दक्षिण इलाक़ों में मिसाइल से हमले किए और सुबह में दक्षिण में हमला किया.