नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नए कृषि कानून (New farm laws) का विरोध कर रहे किसानों का प्रदर्शन शांत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया है। सरकार ने अपनी तरफ से कृषि कानूनों में कुछ संशोधन किए गए हैं और इन्हे किसानों को भेजा है। लेकिन किसान नरमी का रुख नहीं दिखा रहे हैं।सरकार के इस प्रस्ताव को किसानों ने लगभग ठुकरा दिया है और किसानों का कहना है कि उनकी मांग सिर्फ तीनों कानूनों को हटाने की है। किसानों ने कहा है कि अगर सरकार जद्दी है तो हमारी भी यही मांग है कि उन्हें कानून वापस लेना ही होगा। किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। किसान सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग कर तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
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दरअसल, किसानों की ओर से कृषि कानून में काफी खामियां गिनाई गईं और कहा गया कि सभी कानूनों को वापस लिया जाए। हालांकि, अब सरकार ने जब ये साफ कर दिया है कि वो कानून वापस नहीं लेगी, ऐसे में किसानों की कुछ मुख्य चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है।वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि कृषि कानून का मामला किसानों की शान से जुड़ा है, ऐसे में वो इससे पीछे नहीं हटेंगे। सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग कानून को वापस लेने की है। राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो हम भी अड़े हैं, कानून वापस ही होगा।
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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार जो ड्राफ्ट भेजेगी, उस पर चर्चा के बाद तय करेंगे कि आगे क्या करना है। सरकार कानून में संशोधन को तैयार है लेकिन किसान नेताओं का तर्क है कि अगर कानून में संशोधन होता है तो उसकी रूपरेखा बदल जाएगी। वो किसी और स्टेकहोल्डर को गलत तरीके से प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अब सरकार के प्रस्ताव के इंतजार है जिसके बाद ही साफ हो पाएगा कि किसानों और सरकार के बीच बात बन पाएगी या ये आंदोलन अभी और जारी रहेगा।बता दें कि इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार किसानों की बात मानेगी और प्रस्ताव मिलने के बाद शाम तक कुछ नतीजा निकलेगा, लेकिन अब टिकैत के सुर बदल गए हैं।
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वहीं, नए कृषि कानूनों को लेकर आज किसानों को समर्थन दे रहे विपक्षी दल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के साथ बैठक करने वाले हैं, वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि इस मामले में राष्ट्रपति क्या कर लेंगे। जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुद इस मामले में अन्य विपक्षी दलों के साथ राष्ट्रपति से आज मिलने वाले हैं।