मध्य प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं का समर्थन अंतत विक्रात के काम आया और वे मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस के नये अध्यक्ष बन गये है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी संजय सिंह को 20420 वोट से हराया है। भूरिया को कुल 40850 वोट मिले। प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में 9 उम्मीदवार थे।
अध्यक्ष के बाद संजय सिंह को सबसे अधिक 20430 वोट मिले, उन्हें वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि अजीत बोरासी, प्रतिमा मुदगल और विपिन वानखेड़े को उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा। विवेक त्रिपाठी सहित अध्यक्ष पद के 6 उम्मीदवारों को सचिव बनाया गया है। युवक कांग्रेस के नव निर्वाचित अध्यक्ष विक्रांत भूरिया विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। पार्टी ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ से टिकट दिया था, लेकिन वे भाजपा के जीएस डामोर से हार गए थे। इसके बाद डामोर सांसद बन गए। जब यह सीट खाली हुई तो विक्रांत के पिता कांतिलाल भूरिया चुनाव जीत कर विधायक बन गए।
मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस को पांच साल बाद नया अध्यक्ष मिला है। अब तक विधायक कुणाल चौधरी अध्यक्ष रहे। मध्य प्रदेश में 7 साल बाद युवक कांग्रेस के चुनाव हुए हैं। इसके लिए 10, 11 व 12 दिसंबर को मतदान हुआ था। इस चुनाव में 3 लाख 50 हजार सदस्यों में से 1 लाख 10 हजार 821 ने आॅनलाइन मतदान में हिस्सा लिया। प्रदेश अध्यक्ष के लिए 9 उम्मीदवार मैदान में थे। हालांकि नामांकन 12 उम्मीदवारों ने भरा था, लेकिन अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार विधायक विपिन वानखेड़े ने मतदान से ठीक एक दिन पहले नाम वापस ले लिया था। प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रदेश महामंत्री, जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री व विधानसभा प्रभारी भी घोषित हो जाएंगे। 116 उम्मीदवारों में से 11 प्रदेश महामंत्री और 56 सचिव चुने जाएंगे।
कांग्रेस की इकाई युवा कांग्रेस में वर्ष 2011 में चुनाव की शुरूआत हुई थी। मप्र युवा कांग्रेस में पहले निर्वाचित अध्यक्ष प्रियव्रत सिंह थे, जो बाद में कमलनाथ सरकार में ऊर्जा मंत्री भी बने। उस समय दो साल का कार्यकाल था। अगस्त 2013 में दूसरे प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी बने। कुणाल चौधरी अभी विधायक हैं। उनका कार्यकाल 2015 में समाप्त हो रहा था, लेकिन तब कांग्रेस ने अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल के बजाय तीन साल कर दिया था। हालांकि 2016 में भी युवा कांग्रेस के चुनाव नहीं हुए और कुणाल अब तक अध्यक्ष हैं।