विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों को सदन में कोरोना की नेगेटिव जांच रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। जो विधायक टेस्ट कराकर नहीं आएंगे उनकी सदन के बाहर जांच की जाएगी। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही सदन में प्रवेश दिया जाएगा। 21 दिसम्बर से राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित होने जा रहा है। विधानसभा सचिवालय ने सत्र की तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए यह तय किया गया है कि विधायकों को भी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ही सदन में प्रवेश दिया जाएगा। विदित है कि राज्य में एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और नेता सदन, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में अब सत्र के दौरान विधायकों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि सभी विधायकों से अपील की गई है कि वे सत्र में आने के से पहले अपना आरटीपीसीआर टेस्ट करा लें और सदन में आने के दौरान नेगेटिव जांच रिपोर्ट साथ लेकर आएं। उन्होंने कहा कि जो विधायक आरटीपीसीआर जांच कराकर नहीं आ पाएंगे उनकी जांच विधानसभा में एंटीजन जांच किट से की जाएगी और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही सदन में प्रवेश दिया जाएगा। विदित है कि सितम्बर में आयोजित हुए विधानसभा के एक दिन के सत्र के दौरान भी यही व्यवस्थाएं लागू की गई थी। उस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश सहेत पक्ष व विपक्ष के कई विधायक कोरोना संक्रमित हो गए थे।
सत्र से पहले योग करेंगे विधायक
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 21 दिसम्बर को सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा सचिवालय में योग का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दौरान सभी विधायकों को उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है। कार्यक्रम के दौरान आचार्य बालकृष्ण के द्वारा विधायकों एवं विधानसभा के अधिकारियों कर्मचारियों को योग अभ्यास कराए जाएंगे। विदित है कि विधानसभा में हर महीने की 21 तारीख को योग अभ्यास का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। 21 दिसम्बर को योग अभ्यास की 31 वीं श्रृखंला आयोजित होगी। जिसे भव्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।