कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने होटल, बार, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थानों पर क्रिसमस, न्यू ईयर पार्टी और सामूहिक आयोजनों पर रोक लगा दी है। दून जिले में 25 दिसंबर के साथ ही 31 दिसंबर और एक जनवरी को जश्न के कोई भी सामूहिक आयोजन नहीं होंगे। मसूरी, दून के साथ ही ऋषिकेश में साल के आखिरी हफ्ते में कारोबार की उम्मीद कर रहे पयर्टन कारोबारियों के लिए यह बड़ा झटका है। डीएम डा. आशीष श्रीवास्तव ने मंगलवार को देहरादून जिले में तीन दिनों के लिए पार्टी और सामूहिक कार्यक्रम में आदेश जारी किए हैं। इसमें साफ तौर पर क्रिसमस 25 दिसंबर और न्यू ईयर के लिए 31 दिसंबर और 01 जनवरी को होटल, रेस्टोरेंट, बार, सार्वजनिक स्थानों पर पार्टी और सामूहिक कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति नहीं होने का जिक्र किया गया है। यानी इन दिनों में किसी तरह के सामूहिक आयोजन नहीं होंगे। डीएम डा. आशीष श्रीवास्तव ने कहा है कि जिस तरह से कोरोना फिर से तेजी से फैल रहा है, उसमें कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं, क्योंकि लोग लापरवाही कर रहे हैं। खासतौर पर पार्टी या सामूहिक कार्यक्रमों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं और ऐसे आयोजन में मास्क तक उतार दे रहे हैं। जिससे कोरोना संक्रमण और फैलने का खतरा है। इसलिए क्रिसमस और न्यू ईयर पार्टियों के आयोजन की अनुमति प्रशासन की ओर से नहीं दी जा रही है। उन्होंने लोगों को जरूरत पड़ने पर ही घरों से निकलने, मास्क अनिवार्य रूप से पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद इस तरह के आयोजन करता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
होटल वाले बोले, क्या रैलियों से कोरोना नहीं फैलता
मसूरी। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि नए साल पर होटलों और रेस्टोरेंटों में कार्यक्रम न कराए जाने को लेकर जो आदेश जारी किया गया है, ये सही नहीं है। उन्होंने कहा इसका असर होटल व्यवसाय पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिला देहरादून में ही क्यों इस तरह का आदेश निकाला गया है। राजनैतिक समारोहों पर तो रोक नहीं लग रही है। सभी दल देहरादून में रोज भीड़ जुटा रहे हैं। ना मास्क हैं न सोशल डिस्टेंसिंग। क्या राजनैतिक रैलियों से कोरोना नहीं फैलता। नए साल पर इस तरह का आदेश निकालने से इसका असर होटल व्यवसाय और यहां के व्यापार पर पड़ेगा। यह लोगों की रोजी-रोटी से जुड़ा मामला है।
होटलों की बुकिंग हो सकती है रद : पर्यटन नगरी मसूरी में क्रिसमस और नये साल को लेकर होटलों में तैयारियां की गई थीं, लेकिन होटलों, बार, रेस्टोरेंटों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक कार्यक्रम एवं पार्टी के आयोजन की अनुमति न होने के आदेश से कारोबारियों को झटका लगा है। होटलों में बुकिंग रद्द होती हैं तो पर्यटकों को बुकिंग का पैसा लौटना पड़ेगा, जिसका खामियाजा होटल व्यवसाय को भुगतना पड़ेगा। क्रिसमस और नये साल के लिए मसूरी के अधिकांश होटलों में 60 से 80 प्रतिशत तक की बुकिंग थी।
लेकिन डीएम के आदेश के बाद कुछ बुकिंग रद्द होने का अंदेशा है। होटल एसोसिएशन के महासचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि क्रिसमस और नए साल को लेकर शहर के अधिकांश बडे होटलों में 60 से 80 फीसदी तक की बुकिंगें आ चुकी थीं लेकिन अब 20 से 30 प्रतिशत तक की बुकिंग रद्द हो सकती हैं। बताया कि होटलों में डीजे डांस, कपल डांस के साथ ही अन्य तैयारियां की जा रही थीं। होटल का स्टाफ भी बढ़ा दिया गया था, जिसे पैसे तो देने ही पड़ेंगे।
मसूरी में व्यापारियों के चेहरे मुरझाए
व्यापार संघ के महामंत्री जगजीत कुकरेजा ने बताया कि क्रिसमस व नए साल को लेकर व्यापारियों में काफी उत्साह बना हुआ था लेकिन डीएम के आदेश के बाद व्यापारियों के चेहरे भी मुरझा गए हैं। उन्होंने कहा कि नए साल और क्रिसमस को लेकर मसूरी में पर्यटकों का काफी रुझान था लेकिन आदेश के बाद बुकिंग कैंसिल हो सकती हैं। एक होटल के मैनेजर हर्षमणि सेमवाल ने बताया कि उनका होटल नये साल के लिए बुक था। अब कुछ बुकिंग रद्द भी हो सकती है।
अब बुकिंग का पैसा भी खर्च कर दिया, कैसे लौटाएंगे
देहरादून। क्रिसमस एवं नये साल के मौके पर रेस्टोरेंट एवं होटलों में कार्यक्रमों पर जिला प्रशासन के रोक लगाये जाने पर नाराजगी जताई गई है। संचालकों का कहना है कि अब तक बुकिंग हो गई हैं, तैयारियों पर उसमें से रुपया खर्च कर दिया गया है। अब पार्टी करने वालों को कैसे रुपया लौटाया जाएगा। प्रशासन को यदि कार्यक्रमों पर पाबंदी लगानी ही थी तो पहले निर्णय लिया जाना चाहिये था, अब अचानक से फैसले से संचालकों पर दोहरी मार पड़ेगी। कोरोना ने कमर तोड़ी, अब प्रशासन के फैसले मार रहे : दून वैली होटल एसोसिएशन के महामंत्री पंकज गुप्ता ने कहा कि कोरोना ने होटल इंडस्ट्री की कमर तोड़ कर रख दी। तमाम होटल बंदी की कगार पर है। अब प्रशासन के फैसलों ने उनका दम निकाल दिया है। पहले से जो बुकिंग कर ली गई है। उनका क्या होगा, उनका पैसा कैसे लौटाया जाएगा। क्या प्रशासन होटल संचालकों, कर्मचारियों को आर्थिक मदद देगा। प्रशासन का रवैया पहले से ही ठीक नहीं रहा है। कोई भी फैसला होटलन संचालकों से बैठक कर कोई फैसला नहीं लिया गया। यदि कोई फैसला लिया ही जाना था तो पंद्रह दिन पूर्व लिया जा सकता था।
बंदी की कगार पर है रेस्टोरेंट इंडस्ट्री
देहरादून रेस्टोरेंट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष टीपी सिंह ने कहा कि कि रेस्टोरेंट इंडस्ट्री बंदी की कगार पर है। संचालक कर्मचारियों को सेलरी नहीं दे पा रहे हैं। ग्राहक भी 20-30 प्रतिशत ही आ रहा है। रविवार को काम होता था, वह साप्ताहिक बंदी की वजह से चौपट हैं। क्रिसमस और नये साल से कुछ उम्मीद थी, लेकिन प्रशासन के फैसले ने मायूसी दी है। राजनीतिक पार्टियों की रैली हो सकती हैं, लेकिन जो व्यापारी तमाम तरह के सुरक्षात्मक उपाय करके व्यापार कर रहा है। उसका उत्पीड़न ही किया जाएगा केवल। यह बिल्कुल सही नहीं हैं। प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिये। क्योंकि व्यापारी बुकिंग ले चुके हैं, डीजे लाइटिंग आदि में पैसा लगा दिया गया हैं। अब उसकी भरपाई कैसे होगी। यह चिंता का सबब बना है।