कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड के कई जिलों में 12वीं तक के स्कूलों को 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। शुक्रवार की रात सीएम तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया। फिलहाल हल्द्वानी, देहरादून और हरिद्वार में 12वीं तक के स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद करने का आदेश जारी किया गया है।चकराता व कालसी ब्लाक को छोड़कर देहरादून के 12 वीं तक के स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे। कैबिनेट में हरिद्वार जनपद के सभी स्कूलों के साथ ही नैनीताल नगर पालिका और हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र के 12 वीं तक के स्कूल 30 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है। इस दौरान 10 वीं व 12 वीं के स्कूल चलते रहेंगे, जबकि अन्य कक्षाओं में आनलाइन के पढ़ाई होगी।
देहरादून निगर निगम क्षेत्र में नाइट कर्फ्यू
देहरादून नगर निगम क्षेत्र में रात्रि 10 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू किया जाएगा। शक्रवार शाम को सीएम तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनट मीटिंग में मंत्रियों ने नाइट कफर्यू पर मुहर लगा दी है। कहा कि नाइट कफर्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती की जाएगी। बता दें कि कि उत्तराखंड में शुक्रवार को कोरोना के 748 केस सामने आए। 327 मरीज ठीक हुए। पांच मरीजों की मौत हुई। कुल 1749 मरीजों की मौत हो चुकी है।
आईआईटी में कक्षाएं और कार्यालय बंद
रुड़की। आईआईटी में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए कक्षाओं और कार्यालयों को पंद्रह अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। सेनेटाइजनेशन आदि का काम इस दौरान किया जाएगा। आईआईटी रुड़की में करीब नब्बे छात्र, फैकल्टी मैंबर और उनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव आए हैं। कोरोना पॉजिटिव आने का सिलसिला लगातार चल रहा है। कुछ समय पहले कक्षाएं भी शुरू की गई थी। जो छात्र पिछले साल लॉक डाउन में वापस लौट गए थे, वह धीरे- धीरे आने शुरू हुए। शोध छात्र पहुंचने लगे थे। उन्हें हॉस्टल में कमरे भी आवंटित किए गए थे। लेकिन कोरोना के मामले सामने आने के बाद अब आईआईटी प्रबंधन भी सतर्क हो गया है। आईआईटी मीडिया सेल प्रमुख सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि नौ से पंद्रह अप्रैल तक कक्षाओं और कार्यालयों को बंद कर दिया गया है। इन्हें सेनेटाइज कराया जाएगा। बताया कि प्रबंधन हर जरूरी एहतियाती कदम उठा रहा है। संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की जांच करायी जा रही है। सरकार की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसका पूरी तरह पालन कराया जा रहा है। इस समय आईआईटी में करीब तीन हजार छात्र रह रहे हैं।