कोरोना के चलते निरंजनी अखाड़े का बड़ा फैसला, 17 अप्रैल को कुंभ समाप्ति का किया एलान

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने भारत में पिछले साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गुरुवार को दो लाख से ज्यादा मामले सामने आए और एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई। ऐसे में खुद को संक्रमण से बचाने के लिए आपके पास जो एक मात्र उपाय है वह है सावधानी बरतना। साथ ही जरूरी है कोरोना के लक्षणों पर नजर रखना। म्यूटेशन की वजह से कुछ दिन बाद ही कोरोना अपना रूप बदल रहा है जिस वजह से उसके लक्षणों में भी बदलाव देखने को मिल रहे हैं।

कोलकाता के डॉक्टरों के अनुसार, बहुत उच्च संचरण दर के साथ-साथ कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 के लक्षणों में मामूली और सूक्ष्म परिवर्तन हुए हैं, जिससे वायरस की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। डॉक्टर भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के लक्षणों में हुए बदलाव की बात कह रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में ऐसे लोगों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो रही है, जिन्हें न बुखार आया और ना ही सर्दी-जुकाम हुआ। ये लोग तो बदन दर्द, सिर दर्द या पेट दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे और जब उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट हुआ तो पता चला कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।  डॉक्टरों की मानें तो पेट में दर्द, उल्टी-दस्त, डायरिया और बदन दर्द की शिकायत लेकर आने वाले करीब 40 प्रतिशत मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।ज्यादातर लोगों को अब तक यही लगता है कि सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार ही कोरोना के लक्षण हैं। इसलिए अगर उन्हें पेट दर्द, सिरदर्द या बदन दर्द की समस्या होती है तो वे डॉक्टर के पास जाने की बजाए घर पर ही घरेलू नुस्खों से इलाज करते रहते हैं, लेकिन जब काफी समय तक बीमारी ठीक नहीं होती तब वे डॉक्टर के पास जाते हैं और तब तक वायरस शरीर को काफी नुकसान पहुंचा चुका होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *