कोरोना संकट के बीच हरिद्वार महाकुंभ में चैत्र पूर्णिमा के मौके पर अंतिम शाही स्नान पर संतों ने कोरोना से बचाव का संदेश भी दिया। संत बेहद ही कम संख्या में बिना लाव लश्कर के गंगा स्नान के लिए पहुंचे। इस दौरान संतों ने मास्क लगाया और अन्य लोगों को भी मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही शारीरिक दूरी के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। वहीं, बैरागी संत बड़ी संख्या में पहुंचे।
सुबह 9 बजकर 30 मिनट तक हरकी पैड़ी पर आम श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इसके बाद सबसे पहले पंचायती अखाड़ा निरंजनी के संत स्नान के लिए पहुंचे। आराध्य देव भगवान कार्तिकेय और मां गंगा की पूजा अर्चना के बाद संतों ने गंगा में डुबकी लगई।
इसके बाद संत लौट गए। संतों ने शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए स्नान किया। वहीं, इसके बाद पंचदशनाम जूना अखाड़ा, पंच अग्नि, आह्वान अखाड़ा के संत हरकी पैड़ी पहुंचे और आराध्य देव और गंगा पूजन के बाद शाही स्नान शुरू किया। इसके बाद बैरागियों का स्नान शुरू हुआ।