कोरोना संक्रमण बेकाबू होने से जहां एक तरफ कोरोना के गंभीर मरीजों को बेड और आईसीयू उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। वहीं अन्य बीमारियों के मरीजों की भी दिक्कतें बढ़ गई हैं। खास तौर से राजकीय मेडिकल अस्पताल में डायलिसिस कराने वाले मरीज परेशान हैं।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कुछ महीने पहले ही 10 बेड का अत्याधुनिक डायलिसिस सेंटर बनाया गया था। फिलहाल अस्पताल के कोरोना मरीजों के लिए डेडिकेटेड होने के बाद डायलिसिस कराने वाले मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इस बीच सेंटर के दो कर्मचारियों के संक्रमित होने के चलते प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी हो गई है। अब दो-तीन पुराने मरीजों का ही डायलिसिस हो पा रहा है। इसके चलते कई लोगों को मजबूरी में निजी अस्पतालों से महंगी फीस भरनी पड़ रही है। शुरुआत में डायलिसिस सेंटर में कोविड-19 सामान्य मरीजों को डायलिसिस की सुविधा दी जा रही थी। इसके लिए पुराने सेंटर को पूरी तरह से कोरोना मरीजों के लिए अलग किया गया था।