राजधानी के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन के अलावा अब कोरोना वायरस की जांच कराने के लिए भी परेशानी शुरू हो गई है। क्षमता से अधिक जांच होने की वजह से घर आकर सैंपल लेने की सुविधा भी बंद हो चुकी है। पांच से छह दिन तक लोगों को जांच रिपोर्ट तक नहीं मिल पा रही है।
वहीं, जांच में आ रहीं दिक्कतों का असर हर दिन संक्रमित मिलने वाले मामलों पर भी दिखाई दे रहा है। बीते 14 अप्रैल तक दिल्ली में लगातार जांच का आंकड़ा बढ़ रहा था, जिससे संक्रमित मरीजों की पहचान भी जल्द हो रही थी, लेकिन इसके बाद स्थिति यह है कि हर दिन जांच का आंकड़ा नीचे गिरता चला गया और संक्रमण दर भी बढ़ने लगी।
ज्यादातर प्राइवेट लैब ने दिल्ली में होम कलेक्शन पूरी तरह से बंद कर दिया है। कुछ लैब यह सेवा दे रही हैं, लेकिन उसके लिए एडवांस पेमेंट करना होगा और तीन से चार दिन बाद जब स्लॉट खाली होगा तब आपका सैंपल लेने के लिए लैब का कर्मचारी घर आएगा। ठीक इसी तरह सरकारी अस्पतालों की हालत देखें तो यहां भी क्षमता से अधिक जांच हो रही हैं। इसलिए रिपोर्ट तैयार होने में तीन से चार दिन का वक्त लग रहा है। कई प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में रिपोर्ट छह दिन बाद भी मिल रही है। दिल्ली सरकार की डिस्पेंसरी में अभी भी एंटीजन जांच पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके की बात करें तो यहां दो डिस्पेंसरी हैं, लेकिन दोनों में से कहीं भी आरटी-पीसीआर जांच नहीं हो रही है। जांच की स्थिति को लेकर दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क किया गया, परंतु वहां आधिकारिक जानकारी नहीं मिली।