सैनिटाजेशन के बाद शव की पैकिंग, फिर पीपीई किट में अपने परिजन का अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वालों की फेहरिस्त लगातार लंबी हो रही है। कोरोना की वजह से अपनों को खोने वाले इस कदर खौफजदा हैं कि अब उफ भी नहीं निकल रही है। बहुत खराब बीमारी है, कैसे बचें….एक व्यक्ति ने अपने चाचा के अंतिम संस्कार के बाद कुछ ऐसी ही बात श्मशान पर करते नजर आए। महिलाएं, युवा सभी अपनों को अंतिम विदाई देने के लिए सभी एहतियातों का पालन करते हुए पूरे दिन पहुंचते रहे।
कोरोना संक्रमण के कारण मौत की बढ़ती संख्या से श्मशान में शवों को अंतिम संस्कार करने से पहले किसी को बात करने की भी फुर्सत नहीं। द्वारका सेक्टर-24 के इस श्मशान में तयशुदा से 25 गुना अधिक शवों का रोजाना अंतिम संस्कार किया जा रहा है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में शरीक न हो पाने वालों को इस बात की चिंता सता रही है कि अस्थियां सुरक्षित रखने के लिए अब लॉकर भी उपलब्ध नहीं है। कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों की तादाद इतनी बढ़ गई है कि एक चिता के बुझने से पहले दूसरे शव का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया जाता है।