नई दिल्ली। कई बार ये देखा गया है कि एक भारतीय लीग होने के कारण आइपीएल में खेलने वाले विदेशी खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों से दोस्ती बनाकर रखना चाहते हैं। वे कोई भी ऐसी हरकत नहीं करना चाहते जिससे उनके इस लीग में खेलने पर खतरा मंडराए। हालांकि कुछ ऐसे भी किस्से होते हैं जब विदेशी दिग्गज भी मैदान पर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते हैं और ऐसा ही एक वाकया हुआ रविवार रात हैदराबाद में।
– कहां से शुरू हुआ मामला
कोलकाता नाइट राइडर्स और मेजबान हैदराबाद की टीमें आमने-सामने थीं। हैदराबाद की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और कप्तान डेविड वॉर्नर (59 गेंदों पर 126 रन) की धुआंधार पारी के दम पर उनको बड़ा स्कोर खड़ा करने का मंच भी मिल गया। वॉर्नर के आउट होने के बाद अंतिम के कुछ ओवरों में युवराज सिंह और न्यूजीलैंड के केन विलियम्सन पर ये जिम्मेदारी आई कि वो स्कोर को जितनी तेजी से आगे ले जाएं, उतना बेहतर। विलियम्सन ने इस जिम्मेदारी को समझा और धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 25 गेंदों पर 40 रन ठोक डाले। वहीं, दूसरे छोर पर मौजूद युवराज सिंह बड़े शॉट लगाने में पूरी तरह से असफल दिखे और एक बार तो कैच होते-होते भी बचे। युवी ने कुल 6 गेंदों पर बड़ी मुश्किल से 6 रन जोड़े।
– और फिर आई वो आखिरी गेंद…..
समय था पारी की आखिरी गेंद का, स्कोर था 207 रन। स्ट्राइक पर थे युवराज सिंह। गेंदबाज नाथन कूल्टर-नाइल ने एक शानदार यॉर्कर गेंद की जिस पर युवी ने किसी तरह मिडविकेट की दिशा में शॉट खेला। गेंदबाज खुद गेंद को लपकने पहुंचा और इसी बीच दोनों बल्लेबाज एक रन ले चुके थे। गेंदबाज ने गेंद उठाई और जब तक वो इसे कीपर की तरफ फेंकते तब तक विलियम्सन दूसरा रन लेने के लिए दौड़ चुके थे, जब तक वो आधी पिच पर पहुंचते तो सामने देखने पर वो दंग रह गए क्योंकि युवी दौड़ने की बजाय उन्हें हाथ से रुकने का इशारा कर रहे थे। आखिर क्यों? आखिरी गेंद थी, रन लेना या आउट होना, दोनों ही चीजें टीम की सेहत पर असर नहीं डालती लेकिन न जाने युवी क्यों 6 रन पर नॉटआउट रहना चाहते थे। गेंद कीपर के हाथों में गई और विलियम्सन ही रन आउट हो गए। युवराज के इस स्वार्थी बर्ताव से विलियम्सन बेहद गुस्से में नजर आए, युवी की तरफ देखकर कुछ शब्द बड़बड़ाए और पवेलियन लौट गए। क्रिकेट में कभी-कभी एक रन भी आपको जीत दिला देता है, सवाल अब भी वही है, कि आखिर युवी ने नॉटआउट रहकर कौन सा नया रिकॉर्ड बना डाला?