कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस की जुगलबंदी जिंदगी पर भारी पड़ रही है। कोरोना से संक्रमित कई मरीज इस जानलेवा वायरस से बचने के बाद ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आ रहे हैं। ऐसे में मरीजों के साथ चिकित्सा विशेषज्ञों को दोहरी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। ब्लैक फंगस से कई मरीजों की मौत हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास इसका डाटा नहीं है।
आरोग्यधाम अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ गैस्ट्रोसर्जन डॉ. विपुल कंडवाल के अनुसार उनके अस्पताल में कोरोना संक्रमित कई मरीज ऐसे आ रहे है जो ब्लैक फंगस से भी संक्रमित हैं। ऐसे मरीजों को बचाने को लेकर कोरोना की दवाओं के साथ एंटी फंगल वैक्सीन और दवाइयां दी गईं। इसके बावजूद कई मरीजों को नहीं बचाया जा सका। कोरोना वायरस ब्लैक फंगस बैक्टीरिया के साथ गठजोड़ कर बीमारी को और घातक बना रहा है, जो काफी चुनौतीपूर्ण है। वरिष्ठ पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल के मुताबिक उन्होंने अभी तक जितने संक्रमित मरीजों का इलाज किया। उनमें से कई को ब्लैक फंगस की दुश्वारियां का भी सामना करना पड़ा। ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आने के बाद उनकी जिंदगी बचाना काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आशुतोष माथुर का भी मानना है कि मरीजों के साथ चिकित्सकों को पहले ही जानलेवा कोरोना बीमारी से जूझना पड़ रहा था, लेकिन अब ब्लैक फंगस से स्थितियां और जटिल हो गई हैं।