आरोपी सुशील कुमार ने हरिद्वार में ली शरण, पुलिस करती रही इनकार

हत्यारोपी पहलवान सुशील कुमार ने भी कुख्यातों की तरह उत्तराखंड को ही पनाहगाह बनाया। बताया जा रहा है कि वह कई दिनों तक हरिद्वार में रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। जबकि, उत्तराखंड पुलिस बार बार कर्फ्यू में सब कुछ बंद होने और पुख्ता चेकिंग का हवाला देते हुए सुशील के उत्तराखंड में होने से इनकार करती रही।

अब जब सुशील ने दिल्ली पुलिस को सब कुछ बता दिया तो व्यवस्था पर सवाल उठने लाजिमी हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई उत्तराखंड अपराध करने के बाद छुपने के लिए सबसे सुरक्षित जगह है? यानी लंबे समय से लोग इसे अपराधियों की पनाहगाह कहते आ रहे हैं, वह दाग नहीं धुलेगा। कम से कम इस हाई प्रोफाइल केस में तो ऐसा ही कहा जा सकता है। कारण साफ है। हर तरफ बॉर्डर पर सघन चेकिंग थी तो एक सेलिब्रिटी स्पोर्ट्स मैन यहां आने में सफल कैसे हो गया। कर्फ्यू में सब आश्रम आदि बंद थे तो उसने हरिद्वार में पनाह कैसे ली? इस तरह की व्यवस्था में तो मातहत अपने मुखिया (डीजीपी) के प्रण को भी भूल गए। उन्होंने पदभार संभालते ही कहा था कि वह उत्तराखंड को किसी भी हालत में अपराधियों की शरणस्थली नहीं बनने देंगे। जबकि, सच तो यह है कि कोई आए कोई जाए इसकी भनक तक पुलिस को नहीं लगती।

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