सीबीएसई के बाद अब उत्तराखंड में भी 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई हैं। शत प्रतिशत छात्रों को पास किया जाएगा। जो छात्र अंक सुधार चाहेंगे उनके लिए हालात ठीक होने पर लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ रावत की सहमति के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने जून में प्रस्तावित 12वीं बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किया। इससे पूर्व दोपहर सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में परीक्षा रद्द करने को लेकर विचार विमर्श किया गया, जिसमें सहमति बनी कि राज्य में कोविड के मद्देनजर परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
शिक्षा मंत्री पांडे ने बताया कि परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले सभी सवा लाख छात्रों को पास किया जाएगा। यदि कोई छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होगा तो उनके लिए हालात ठीक होने पर लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक विनय शंकर पांडेय शामिल हुए।
10 वीं की पहले ही हो चुकी थी रद्द
सरकार दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं पहले ही रद्द कर चुकी है। पहले हालात ठीक होने पर जून में 12वीं की परीक्षा कराए जाने की तैयारी थी, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के घातक स्वरूप को देखते हुए सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ा। इस साल 12वीं में 1.24 लाख और दसवीं में 1.48 छात्र छात्राएं शामिल हो रहे हैं। अब सभी छात्रों को पास किया जाएगा। यह पहला मौका होगा जब बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र फेल नहीं होगा। छात्रों को अंक प्रदान करने के लिए सीबीएसई पैटर्न का इंतज़ार किया जाएगा।