हरिद्वार में अब तक बर्बाद हो चुकीं वैक्सीन की 11 हजार डोज

हरिद्वार में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की पर्याप्त डोज नहीं है, लेकिन जनपद में अब तक स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते 11 हजार से अधिक डोज बर्बाद हो चुकी हैं।
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। वैक्सीनेशन सेंटर बनाने के साथ ही मोबाइल वैन से भी दूर-दराज के क्षेत्रों में जाकर टीकाकरण हो रहा है।

टीकाकरण के दौरान भारी मात्रा में डोज खराब भी हो रही है। मालूम हो कि कोरोना वैक्सीन की एक वायल में दस डोज होती हैं। एक बार खुलने पर चार घंटे तक ही वैक्सीन सुरक्षित रहती है। इसके बाद वह बेकार हो जाती है और कोई असर नहीं करती।

एक जानकारी के मुताबिक हरिद्वार जिले में कोविशील्ड की 10 हजार 41 और कोवाक्सिन की 1031 डोज खराब हो चुकी है। वैक्सीनेशन के प्रभारी डॉ. नलिंद असवाल ने बताया कि कोवाक्सिन की 21488 और कोविशील्ड की चार लाख 18 हजार 410 डोज लगाई जा चुकी है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों को आगे से डोज का सही प्रयोग करने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

 

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