नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की बड़ी जीत है। जाधव को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी।
हंसराज अहीर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाकर पाकिस्तान को उनका स्थान दिखा दिया है। उन्होंने कहा, ‘यह भारत की बड़ी सफलता है, वहीं इसे पाकिस्तान का बड़ा नुकसान कहा जाएगा। पाकिस्तान कानूनी तरीके से काम नहीं कर रहा है। वे एक बेगुनाह को सजा दे रहे हैं। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का निर्देश मोदी सरकार की बड़ी जीत है।’
अंतरराष्ट्रीय अदालत की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर विएना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था। भारत की ओर से दायर अपील में ये भी बताया गया था कि कुलभूषण जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया और ना ही उन्हें भारत के उच्चायोग अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गई।
आईसीजे से की गई अपील में भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था. भारत ने कहा कि जाधव भारतीय नौसेना से रिटायर्ड होने के बाद ईरान में बिजनेस के सिलसिले में गए हुए थे।
पाकिस्तान ने दावा किया कि जाधव को पिछले साल 3 मार्च को बलूचिस्तान प्रांत के अशक्त से गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद एक सैन्य अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। जाधव की मां अवंती जाधव ने पिछले महीने पाकिस्तान में एक उच्च न्यायालय में मौत की सजा के खिलाफ एक अपील दायर की थी।
बता दें कि पाकिस्तान सेना ने मार्च के आखिर में जाधव के कथित कुबूलनामे का वीडियो जारी किया था। पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि जाधव ने कुबूल किया कि वह रॉ के लिए बलूचिस्तान में काम कर रहा था। भारत ने पाकिस्तान के आरोप खारिज किए थे।
भारत ने कहा था कि वीडियो में यह शख्स (जाधव) जो बातें कह रहा है, उनमें कोई सच्चाई नहीं है। उसने जो भी कहा है, प्रेशर में कहा है। भारत ने पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायोग के अफसरों की जाधव से मुलाकात कराने की कई बार इजाजत मांगी थी। लेकिन पाकिस्तान ने हर बार भारत की मांग को ठुकरा दिया था।