उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से चरणबद्ध तरीके से चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय ले लिया है। लेकिन चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की व्यवस्था अनिवार्य रहेगी। पंजीकरण के बाद देवस्थानम बोर्ड की ओर से ई-पास जारी किया जाएगा। जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की अनुमति रहेगी।
सरकार ने पिछले साल की तरह इस बार भी एक जुलाई से तीन जिलों से चारधाम यात्रा संचालित करने का निर्णय लिया है। कोविड नियमों का पालन करने के लिए गत वर्ष की तर्ज पर यात्रियों के लिए पंजीकरण, ई-पास और कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता रहेगी। चारधाम यात्रा के लिए पर्यटन, स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल, लोक निर्माण, शहरी विकास, पंचायती राज विभाग के पास व्यवस्था पूरी करने के लिए 10 दिन का समय है। सरकार की ओर से सभी विभागों को 30 जून तक चारधामों में यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन का कहना है कि सरकार ने एक जुलाई से चमोली, उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग जिला और 11 जुलाई से प्रदेश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा संचालित करने का निर्णय लिया है।