उत्तराखंड: खड़ा हो सकता है संवैधानिक संकट
देहरादून : उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत छह महीने के भीतर विधानसभा सदस्य बनने का अवसर गंवा चुके हैं। ऐसे में उत्तराखंड में एक बार फिर संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं।
अपने पद पर बने रहने के लिए रावत को छह माह पूरा होने से पहले विधानसभा का निर्वाचित सदस्य होना चाहिए। 9 सितंबर को छह माह पूरे हो रहे हैं। लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 ए के तहत, उस स्थिति में उप-चुनाव नहीं हो सकता है, जहां आम चुनाव के लिए केवल एक वर्ष शेष है। सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वैसे तो यह पूरा मामला चुनाव आयोग का है। लेकिन लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत राज्य में वर्तमान परिस्थितियों में कोई चुनाव नहीं हो सकता है। सीएम रावत छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनने का अवसर गंवा चुके हैं।