हरिद्वार जिले और उसके आसपास के क्षेत्रों में दो दिन से उफनाई गंगा का जलस्तर दोपहर बाद से घटना शुरू हो गया। मानसूनी बरसात के बाद बढ़े जलस्तर शाम तक पानी चेतावनी के निशान 293 मीटर से भी काफी नीचे आ गया था। इसके बाद बाढ़ की आशंका से परेशान प्रशासन व ग्रामीणों को राहत मिल गई है। हालांकि कई जगह फसलों व रास्तों पर अभी भी पानी भरा होने से परेशानी बरकरार है। शुक्रवार शाम से गंगा नदी पूरे उफान पर थी। शनिवार को खतरे के निशान 294 मीटर से भी उपर पहुंची गंगा के पानी ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी। पुलिस, प्रशासन पूरे दिन का जलस्तर घटने लगा। सोमवार शाम तक पानी चेतावनी के निशान 293 मीटर से भी काफी नीचे आ गया।
इसके बाद जहां प्रशासन ने राहत की सांस ली, वहीं, गंगा व सोलानी नदी के आसपास के गांवों में लोगों को भी बाढ़ की आशंका से राहत मिली। हालांकि रायसी, खानपुर क्षेत्र में हजारों बीघा गन्ने, धान व चारे की फसलें अभी भी जलमग्न हैं। यही नहीं, कई गांवों से बाहर निकलने वाले संपर्क मार्गों पर भी पानी भरा हुआ है। सुरेश कुमार, रजनीश, आकिल, चांदपाल आदि लोगों का कहना है कि रास्तों पर व खेतों में पानी भरा होने से पशुओं के लिए हरे चारे का प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है। उधर, एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि गंगा का पानी काफी कम है। अगले 26 घंटे के भीतर सभी जगह स्थिति सामान्य हो जाएगी।