उत्तराखंड के 20 वर्षों के इतिहास में प्रदेश को 10 मुख्यमंत्री मिले और रविवार को शपथ ग्रहण के बाद 11वें मुख्यमंत्री के रूप में कुमाऊं के पुष्कर सिंह धामी शपथ लेंगे। पुष्कर से पहले कुमाऊं ने चार और मुख्यमंत्री दिए हैं। इनमें सबसे पहले भगत सिंह कोश्यारी, दूसरे विजय बहुगुणा, एनडी तिवारी फिर हरीश रावत।
इसे विडंबना ही कहेंगे कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को छोड़कर कोई भी नेता मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। नए मुख्यमंत्री भी आठ या नौ महीने ही मुख्यमंत्री रह पाएंगे क्योंकि अगले साल मार्च तक विधान सभा चुनाव हो जाने हैं।
राज्य गठन के समय भाजपा ने मुख्यमंत्री की कमान नित्यानंद स्वामी के हाथ में सौंपी लेकिन 2002 का चुनाव आते-आते नित्यानंद स्वामी को इस्तीफा देना पड़ा और कुमाऊं के बागेश्वर से ताल्लुक रखने वाले भगत सिंह कोश्यारी विधायक दल के नेता चुने गए। कोश्यारी 30 अक्तूबर 2001 से एक मार्च 2002 तक सीएम रहे। पार्टी 2002 में उनके नेतृत्व में ही चुनाव में गई लेकिन उसे शिकस्त मिली। उन्होंने 123 दिन तक सीएम की कुर्सी संभाली।