कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का हाल ही में ट्विटर अकाउंट लॉक हुआ था और कुछ समय के लिए ब्लू टिक भी हट गया था जिसके बाद से ही बवाल मचा हुआ है। राहुल गांधी का कहना है कि मोदी सरकार संसद में बोलने नहीं देती है और सोशल मीडिया पर कुछ बोलने पर अकाउंट ब्लॉक करा देती है। राहुल गांधी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक ग्राफिक्स भी शेयर किया है जिसमें ट्विटर के लोगो को रस्सियों से बांधा गया है और कैप्शन लिखा है ‘डिजिटल दादागिरी नहीं चलेगी’।
ट्विटर के साथ चल रहे विवाद के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने राहुल गांधी के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी कार्रवाई की मांग की है। आयोग का कहना है कि राहुल गांधी ने रेप पीड़िता के माता-पिता की पहचान उजागर करके पॉक्सो एक्ट का उल्लंघन किया है। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग ने फेसबुक और इंस्टाग्राम को इस संबंध में चिट्ठी लिखा है। फेसबुक को पत्र लिखकर एनसीपीसीआर ने कहा कि उसने राहुल गांधी के इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया हुआ एक वीडियो देखा है जिसमें बच्ची के माता-पिता की पहचान उजागर होती है। उसके मुताबिक, इस वीडियो में बच्ची के पिता और माता का चेहरा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है जो कानून का उल्लंघन है।
आयोग ने फेसबुक से कहा कि राहुल गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल को लेकर वह उचित कार्रवाई करे क्योंकि जो वीडियो डाला गया है वह किशोर न्याय कानून, 2015 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है। उसने कहा कि इस वीडियो को इंस्टाग्राम से हटाया जाए। एनसीपीसीआर का कहना है कि बच्ची के माता-पिता की पहचान उजागर करने से किशोर न्याय कानून की धारा 74, पॉक्सो कानून की धारा 23 और भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए का उल्लंघन हुआ है।