देहरादून-: सेना को युवा अफसर देने वाली बारामासी नदी के रूप में पहचान रखने वाली भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) के इतिहास में एक गौरवशाली क्षण और जुड़ने वाला है। शनिवार को जब कैडेट अंतिम पग भरेंगे तो आइएमए देश-विदेश की सेना को 60 हजार से अधिक युवा सैन्य अधिकारी देने वाला सैन्य संस्थान बन जाएगा। इनमें मित्र देशों की सेना के भी 2081 सैन्य अधिकारी शामिल हैं।
सरहद पर हालात विपरीत हों और ऐसे समय में भारतीय सेना को युवा व जांबाज अफसर मिल जाए तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। वतन की हिफाजत के लिए मर मिटने की शपथ लेकर 423 युवा अफसर शनिवार को भारतीय सेना में शामिल हो जाएंगे। साथ ही, दस मित्र देशों के 67 जेंटलमैन कैडेट भी पासआउट होकर अपने-अपने देश की सेना में शामिल होंगे। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी लेंगे।
अकादमी में देश के जांबाजों के अतिरिक्त मित्र देशों से चुने गए कैडेटों को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। जनरल याहाया खान, जनरल मूसा खान और पाकिस्तान के जनरल टिक्का खान, बांग्लादेश के जनरल मेग ओस्मानी, बर्मा के जनरल स्मिथ डून और मलेशिया के जनरल इब्राहिम इस्माइल ने आइएमए से ही प्रशिक्षण प्राप्त किया। यहां प्रशिक्षण लेने वाले विदेशी कैडेट उन देशों से हैं, जिनके भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
इसमें कुछ देश ऐसे हैं, जहां प्रशिक्षण के लिहाज से बुनियादी ढांचे की कमी है। बेहतर सैन्य शिक्षा लेने और दो देशों के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए ये देश अपने कुछ कैडेट भेजते हैं। इसके अलावा अस्थिरता के दौर से गुजर रहे अफगानिस्तान के भी बड़ी संख्या में जांबाज यहां से पासआउट हुए हैं।