चंडीग़़ढ। जिस गुरमीत की उगाई सब्जियां और फल लाखों रुपए में बिका करती थी, अब वही रोहतक की सुनारिया जेल में सब्जियां उगाएगा। सब्जी कैदियों के काम आएगी। सब्जियां उगाने का काम अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में शुरू होगा। गुरमीत ने सब्जियों की खेती करने की इच्छा जताई थी।जब तक सब्जी की खेती शुरू नहीं होती, तब तक उसे बैरक के सामने ख़़डे पे़ड–पौधों की कटाई-छंटाई का काम दिया गया है। इस कार्य को अकुशल कार्य की श्रेणी में माना जाता है, जिसका मेहनताना भी 20 रुपए रोज है। इस रेट पर बेची थी डेरे में उगाई सब्जियां
डेरे में सब्जियां सोने के भाव मिलती थी। एक पपीते की कीमत पांच हजार थी तो बैंगन भी दो से तीन हजार रुपए से कम नहीं मिलता था। सब्जी का पूरा टोकरा एक करो़़ड रुपए तक में बेचे जाने की खबरें सामने आई थी। सेब डे़़ढ लाख रुपए किलो में बिकते थे तो किन्नू और संतरे भी काफी महंगे थे।