देहरादून में सात साल पहले परिवार के चार लोगों की हत्या करने वाले हरमीत को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। गर्भस्थ शिशु की मौत और हत्या के प्रयास में उसे 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। दोषी पर कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने इस मामले को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी का मानते हुए 140 पन्नों में फैसला लिखा है।
23 अक्तूबर 2014 को दीवाली की रात होर्डिंग कारोबारी जय सिंह, उनकी पत्नी कुलवंत कौर, बेटी हरजीत उर्फ हनी, नातिन सुखमणि की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उनके शव मकान के अलग-अलग कमरों में पड़े हुए थे। घटना में जय सिंह का नाती कंवलजीत सिंह घायल था। घटना का पता अगले दिन सुबह करीब 10:30 बजे नौकरानी राजी के आने
उसने राजी से कहा कि आज तुम्हारी छुट्टी है वापस चली जाओ। इसके बाद वह पास में रहने वाले जय सिंह के भतीजे के घर गई। उन्होंने जय सिंह के मोबाइल पर फोन किया तो हरमीत ने उठाया। उन्होंने दरवाजा खोलने को कहा तो हरमीत ने दरवाजा खोला और राजी अंदर गई। अंदर जाते ही राजी खून-खून चिल्लाते हुए बाहर आ गई। इसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हुए और अजीत सिंह भी वहां पहुंच गए और पुलिस को फोन किया। पुलिस ने हरमीत को मौके से गिरफ्तार कर चाकू और खून से सनी उसकी टी-शर्ट बरामद की थी।