आज सोमवार को द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट विधि-विधान से शीतकाल के लिए सुबह 8:30 बजे बंद कर दिए गए। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौंडार पहुंचेगी। रांसी, गिरीया होते हुए डोली 25 को ओंकारेश्वर ऊखीमठ मंदिर में छह माह की पूजा के लिए विराजमान हो जाएगी।
25 नवंबर को रुद्रप्रयाग जिले में द्वितीय केदार के आगमन को लेकर ओंकारेश्वर मंदिर का रंग-रोगन कर सजाया गया है। साथ ही तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेला भी 24 नवंबर से शुरू होगा। बाबा द्वितीय केदार के ओंकारेश्वर मंदिर आगमन पर 25 नवंबर को रुद्रप्रयाग जिले में डीएम द्वारा जिला स्तरीय अवकाश भी घोषित किया गया है।
सुबह पांच बजे से मद्महेश्वर मंदिर में भगवान की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई। आराध्य का शृंगार कर आरती व भोग लगाया जाएगा। साथ ही स्वयंभू लिंग को पुष्प, अक्षत व भस्म से समाधि रूप देकर पूजा की गई। इसके बाद सुबह 7.30 बजे बाबा की भोग मूर्तियों को गर्भगृह से निकालकर चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान कर सभामंडप में लाया गया।