आमजन को सस्ता और हाइजेनिक खाना उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई इंदिरा अम्मा भोजन योजना देहरादून शहर में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। नगर निगम क्षेत्र में इस योजना के तहत बने पांच इंदिरा अम्मा भोजनालय (कैंटीन) में से दून अस्पताल में बनी एक कैंटीन तो पूरी तरह बंद हो चुकी है। जबकि, सब्सिडी वाली चार अन्य कैंटीन चलाना भी संचालकों को मुश्किल हो रहा है।
20 रुपए में उपलब्ध होती थी इंदिरा अम्मा थाली
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में 20 रुपए में इंदिरा अम्मा थाली उपलब्ध कराने की योजना की शुरूआत हुई थी। इसके तहत देहरादून नगर निगम क्षेत्र में घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्पलेक्स, सचिवालय, आईएसबीटी ट्रांसपोर्टनगर, विकास भवन सर्वे चौक और दून अस्पताल में इंदिरा अम्मा कैंटीन शुरू की गई थी। इन कैंटीन के संचालन का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया गया था।
कैंटीन संचालकों का कैंटीन चलाना मुश्किल
राज्य में भाजपा सरकार बनने के कुछ महीने बाद विभिन्न कैंटीन को टेंडर के जरिए दूसरे स्वयं सहायता समूहों को सौंप दिया गया। समय पर सब्सिडी वाला बजट न मिलने से कैंटीन संचालकों को कैंटीन चलाना मुश्किल हो रहा है। संचालकों का कहना है कि कोरोना काल के बाद और महंगाई बढ़ने से अब 20 रुपए में थाली उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। दून अस्पताल वाली कैंटीन तो कोरोना काल के पहले ही बंद हो गई थी, उसकी जगह अब स्टोर बना हुआ है।