लंदन। ब्रिटेन में एक प्राइमरी स्कूल ने आठ साल के एक ब्रिटिश सिख लड़के के ‘कड़ा’ पहनने पर पाबंदी लगा दी, जिसके चलते इस स्कूल को आलोचना का सामना करना पड़ा है। स्कूल ने इसके पीछे यह दलील दी है कि इसे पहनना उसकी पोशाक नीति का उल्लंघन है। कैदन सिंह जन्म के बाद से ही कड़ा पहन रहा है। पिछले महीने टिप्टन स्थित समरहिल प्राइमरी स्कूल में दाखिले के बाद उसे यह निकालने को कहा गया।
बच्चे के पिता सन्नी सिंह इस पाबंदी का भेदभाव के आधार पर विरोध कर रहे हैं। वह कारोबारी हैं। सिंह ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से स्तब्ध हूं। यह एक धार्मिक प्रतीक और धार्मिक सिद्धांत है। हम धार्मिक कारणों को लेकर इसे पहनते हैं। यह फैशन नहीं है।’’ उन्होंने अपने बेटे से कहा कि वह कड़ा नहीं निकाले क्योंकि यह आभूषण नहीं है। दरअसल स्कूल की पोशाक नीति के तहत आभूषण पहनने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘स्कूल ने मेरे बेटे को धमकी दी है और कहा कि यदि उसने कड़ा पहनना जारी रखा तो उसे निकाल दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि यह नस्ली और भेदभाव है। इस बीच, सिख फेडरेशन यूके ने स्कूल के लिए 2008 का एक ऐसा ही उदाहरण दिया है। संगठन ने 2008 के मामले में 14 साल की एक लड़की को कड़ा पहनने के मामले में साउथ वेल्स स्कूल के खिलाफ हाईकोर्ट में अपना मामला जीतने में मदद की थी। बहरहाल, समरहिल प्राइमरी स्कूल ने दावा किया है कि इसने इस मामले को बच्चे के माता पिता के साथ चर्चा करने की पेशकश की है।