‘एक नए प्रकार की युद्ध नीति आकार लेने लगी है… जैविक युद्ध नीति। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। खुद को मजबूत करें, ताकि हमारा देश इससे फैलाई जा सकने वाली बीमारियों और वायरस की चपेट में न आए।’ अपने निधन से एक रोज पहले मंगलवार को ही जनरल बिपिन रावत ने दक्षिण एशिया के पांच प्रमुख देशों के समूह बिम्सटेक की बैठक पैनेक्स 21 में यह बयान दिया था।
कोरोना से जुड़े बयान में जनरल रावत ने किसी देश का नाम नहीं किया, लेकिन सभी समझ चुके थे कि वह चीन से आगाह रहने को कह रहे हैं। यह उनका आखिरी बयान जरूर था, लेकिन चीन को लेकर पहली बार दिया कड़ा बयान नहीं था। उन्होंने चीन की भारत विरोधी नीतियों को लेकर हमेशा सख्त रुख दिखाया। परेशान चीन को कहना पड़ गया था कि इनका गहरा असर हो सकता है।