देहरादून। राजधानी दून में करवाचौथ की तैयारियां अपने पूरे चरम पर हैं। इस त्यौहार के लिए सुहागिनों के द्वारा बाज़ारों में जमकर खरीदारी की जा रही है। पति-पत्नी का एक-दूसरे के प्रति स्नेह और समर्पण भाव के साथ आस्था का पर्व करवाचौथ रविवार को मनाया जाएगा। इसके लिए महिलाओं ने तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को सोलह श्रंगार से सजी-धजी सुहागिनें ‘चांदनी’ की आभा लिए होंगी और बेसब्री से अपने-अपने ‘चांद’ का इंतजार होगा।
करवा चौथ की तैयारी के लिए नगर के पलटन बाजार, धामावाला, पीपल मंडी, हनुमान चौक, झंडा बाजार में देर तक महिलाएं खरीददारी करती रहीं। सुबह से ही बाजारों में रोजाना के मुकाबले अधिक भीड़ देखने को मिली। पूजन सामग्री, करवे, साड़ियों की सबसे ज्यादा बिक्री हुई। देर शाम तक महिलाएं हाथों पर मेहंदी रचवाती रहीं। पलटन बाजार में तो स्थिति ये थी कि पैदल चलना भी मुश्किल था। वहीं, ब्यूटी पार्लर्स में भी भारी भीड़ रही। काफी महिलाओं ने तो एडवांस बुकिंग कराई है।
ज्योतिष विद्या के जानकार मुकेश शर्मा ने बताया कि करवाचौथ भारत की एक बेहतरीन परंपरा है। करवाचौथ व्रत से आपसी मन-मुटाव भी दूर रहता है। क्योंकि, चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। दुनिया के सभी रिश्ते मन की डोर से बंधे हैं।
आपको बता दें कि करवाचौथ में मेहंदी लगाने का भी अपना एक खास महत्व है। माना जाता है कि मेहंदी का रंग जितना अधिक हाथों पर चढ़ता है लड़की को उसका पति और ससुराल वाले उतना ही ज्यादा प्यार करते हैं। वैसे तो मेहंदी दिखने में हरे रंग की होती है। लेकिन चढ़ने के बाद यह लाल रंग में रचती है और जितना ज्यादा यह रंग देती हैं महिलाओं की खूबसूरती में उतना ही चार चांद लगाती हैं। इसलिए महिला करवा चौथ पर अपने हाथों में अपने पिया के नाम की मेंहदी रचाती हैं।
यह है शुभ मुुहूूर्त
पूजन का शुभ मुहूर्त: शाम 5:55 से 7:09 तक
चंद्रोदय: रात्रि आठ बजकर 14 मिनट
चतुर्थी का समय
प्रारंभ, आठ अक्टूबर को शाम 4:58 बजे से
समाप्ति, नौ अक्टूबर को दोपहर 2:16 बजे तक