रायवाला में राज्य सरकार द्वारा मृतक के परिवार के साथ-साथ बेरोजगार बेघर लोगों को भी सहायता दी जाए: आज़ाद अली
देहरादून। रायवाला में हुए हत्याकांड के बाद फैले तनाव के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मृतक के परिजनों को राहत प्रदान करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपयों की आर्थिक मदद दिलवाने की घोषणा की। इस मुद्दे पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मीडिया को जारी अपने बयान में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का ये प्रयास वाकई सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल के इस कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम ही है, किंतु मृतक के परिजनों को राहत प्रदान करते वक़्त अग्रवाल जी ये बात भूल गए कि वे एक जनप्रतिनिधि हैं। वे किसी एक समुदाय विशेष के नेता या विधायक नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आज़ाद अली ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल ने मृतक युवक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा तो कर दी मगर वे ये भूल गए कि रायवाला में कुछ उपद्रवियों के द्वारा निर्दोष लोगों के घरों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई व उनके साथ मारपीट भी की गई।
नेता जी का इन पीड़ितों की तरफ भी कुछ दायित्व बनता है। जिनका बेवजह लाखों का नुकसान हो गया वे मासूम व पीड़ित लोग आस लगाए सरकार की ओर देख रहे हैं कि उन्हें भी इंसाफ मिलेगा किंतु उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
आज़ाद अली ने कहा कि सरकार व प्रशासन का कर्तव्य है कि वो इस घटना के सभी पीड़ितों को राहत पहुँचाये और दोषियों के खिलाफ शीघ्र और सख्त कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय रहते पीड़ितों की मदद नहीं करेगी तो समाज के भीतर ये ही सन्देश जायेगा कि भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार और उसके प्रतिनिधि सिर्फ एक ही समुदाय को तवज्जों दे रहे हैं। जो सरासर गलत होगा।
उन्होंने राज्य की सरकार से मांग की है कि रायवाला के तनाव में प्रभावित हुए पीड़ित लोगों की सरकार शीघ्र मदद करे और महज़ एक वर्ग का पक्ष न लेकर सभी को एक निगाह से देखे। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग कि है कि वे इस मुद्दे की गंभीरता को लेकर राजधर्म निभाएं, जिससे सभी धर्मों के लोगों का अपने प्रदेश के मुखिया पर विश्वास बना रहे।