देहरादून की कैंट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का टिकट फाइनल होते ही जहां कार्यकर्ताओं में उत्साह है, वहीं तमाम दावेदारों और उनके समर्थकों में नाराजगी व मायूसी भी नजर आ रही है। कुछ दावेदारों ने तो आलाकमान के समक्ष अपनी नाराजगी दर्ज भी कर दी है।
वहीं, सूत्र बता रहे हैं कि कुछ दावेदार समर्थकों से राय मशविरा करने के बाद निर्दलीय या किसी और पार्टी के बैनर पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। इन सब परिस्थितियों के बीच कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए गए सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि वह सभी दावेदारों का सम्मान करते हैं और उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस के सभी लोग पार्टी को जिताने का पूरा प्रयास करेंगे। वह स्वयं भी सभी दावेदारों और असंतुष्ट बताए जा रहे कार्यकर्ताओं से बात कर उन्हें मनाकर इस बार कैंट में कांग्रेस का परचम लहराएंगे।
कैंट विधानसभा सीट पर टिकट फाइनल होने के बाद कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष और कैंट सीट से दावेदारी जता रहे लालचंद शर्मा का कहना है कि पार्टी हाईकमान का निर्णय सर्वोपरि है। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी वह उसको बखूबी निभाएंगे और कैंट समेत प्रदेश में कांग्रेस की जीत के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उधर, कैंट सीट पर टिकट फाइनल होने के बाद पंजाबी सर्व समाज संगठन उतराखंड के कार्यकारी अध्यक्ष और अपनी व पत्नी नगर निगम में पार्षद कोमल बोरा के लिए दावेदारी पेश कर रहे दीप बोरा ने कहा कि जो गलती कांग्रेस ने वर्ष 2017 में की वही फिर दोहराई गई है। जो पंजाबी नेता कार्यकर्ता रात दिन पार्टी की सेवा कर रहे क्या उनकी गलती है कि वो पंजाबी हैं। कैंट विधानसभा में 36 हजार पंजाबी समाज के लोग रहते हैं, लेकिन जो पार्टी की सेवा सुबह शाम कर रहे हैं, उनको टिकट नहीं दिया जाता। क्या कारण है कांग्रेस पंजाबियों से इतनी रूठी हुई है। देहरादून जिले में न ही महामंत्री या उपाध्यक्ष तक का पदाधिकारी बनाया जाता है। सिर्फ वोट लेने के लिए आग्रह किया जाता है। पंजाबी समाज इस उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं करेगा और राहुल गांधी व संगठन महामंत्री वीणुगोपाल से मिलकर अपनी आपति दर्ज करेगा।