भारत कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) की चपेट में आ चुका है और देश में ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron) तेजी से पूर्व के डेल्टा वेरिएंट को रिप्लेस कर रहा है. तीसरी लहर के साथ ही एक बार फिर से म्यूकोरमाकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस (Black Fungus) का डर भी सताने लगा है. पिछले साल गर्मियों में जब डेल्टा वेरिएंट की वजह से कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) आई थी तो उसी दौरान इस दुर्लभ ब्लैक फंगस ने भी अपने पांव पसारे थे. ब्लैक फंगस के कारण कई लोगों की मौत हो गई थी. इसके कारण अंधापन, कई अंगों का काम न करना, शरीर के उत्तकों को नुकसान पहुंचने का साथ ही समय पर इलाज न होने पर मौत भी हो जाती है.
पिछले साल दूसरी लहर के दौरान हाई ब्लड शुगर (High Blood Sugar) या किसी अन्य बीमारी के कारण लंबे समय से दवाएं या स्टेरॉयड ले रहे लोगों को ब्लैक फंगस ने ज्यादा अपना शिकार बनाया था. जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर (Weak Immunity) होती है, जिनका कोई अंग ट्रांसप्लांट हुआ हो या जो लंबे समय से वेंटीलेटर के सहारे जीवित हों, उनमें ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा होता है. यह शरीर में प्रवेश करने वाले रास्तों जैसे आंख, नाक, मुंह से शरीर में प्रवेश करके फेफड़ों को भी प्रभावित कर सकता है.
ब्लैक फंगस के लक्षण
- नाक के ब्रिज का काला पड़ जाना या रंग बदल जाना
- आंखों में दर्द के साथ ही धुंधला दिखना या डबल विजन होना
- सांस से जुड़ी अन्य समस्याएं बढ़ना
- दांतों का ढीला हो जाना
- छाती में दर्द होना
- चेहरे के एक हिस्से में दर्द होना
- चेहरे की हड्डी में दर्द महसूस होना
- बंद नाक या लगातार नाक बहना
- शरीर सुन्न हो जाना
- शरीर में सूजन
- थ्रम्बोसिस
- त्वचा पर घाव होना