इस्लामाबाद। पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में आरोप तय किये जाएंगे। इसके बाद उन्हें जेल भेजा जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने 28 जुलाई को 67 वर्षीय शरीफ को अयोग्य घोषित कर दिया था।
इसके बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी की अदालतों में शरीफ, उनके परिवार के सदस्यों और वित्त मंत्री इशाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामले दर्ज किये थे। भ्रष्टाचार निरोधी संगठन ने शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों पर अदालत के समक्ष उपस्थित होने को लेकर दबाव डालने के लिए उनके बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगा दी थी और संपत्ति को जब्त कर लिया था।
शरीफ गले के कैंसर से जूझ रही अपनी पत्नी कुलसुम को देखने के लिए लंदन गए थे इसलिए वह सोमवार को अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके। इसके बाद अदालत ने आरोप तय करने के लिए 13 अक्तूबर की तारीख तय की।शरीफ के परिवार ने मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया है। आरोप तय किये जाने के बाद उन्हें जेल भेजा जा सकता है।