देहरादून। देशभर में भाजपा की ताना शाही चरम पर है। हर किसी को छोटा बताकर अपने वजूद को बड़ा बनाना भाजपा की फितरत बन चुका है। इसी क्रम में भाजपा के लोगों ने देहरादून ने जमकर तांडव मचाया। केरल में हो रहे हमले का विरोध करने पहुंचे भाजपाइयों ने इंदिरा मार्केट लोकल बस स्टैंड स्थित भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दफ्तर पर हमला बोल दिया। भाजपाइयों ने कार्यालय पर पथराव किया और सीपीआईएम कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा। जिसमें सीपीआईएम के चार कार्यकर्ता घायल हो गए।
इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली ने कहा कि “भाजपा के गुंडे अब दादागिरी पर उतर आए हैं।” उन्होंने कहा कि दरसअल ये ही भाजपा का असली चरित्र और चेहरा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा ने सारी हदें पार कर दी हैं। कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर पर हमला करके भाजपाइयों ने खुलेआम जहां कानून का मज़ाक बनाया है। तो वहीँ अपनी दबंगई और दादागिरी का मुजाहिरा भी देश की जनता के सामने पेश किया है।
आज़ाद अली ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि परेड मैदान स्थित भाजपा महानगर कार्यालय से महानगर अध्यक्ष उमेश अग्रवाल की अगुवाई में भाजपाई करीब 11.30 बजे रैली की शक्ल में दर्शनलाल चौक, घंटाघर, गांधी पार्क के सामने से होते हुए लोकल बस स्टैंड पहुंचे। यहां पर पहले से मौजूद पुलिस फोर्स ने भाजपाइयों को आगे बढ़ने से रोका, लेकिन भाजपा नेता और कार्यकर्ता पुलिस कर्मियों को धक्का देते हुए आगे बढ़ गए और सीपीआईएम दफ्तर पर धावा बोल दिया। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा के गुंडों के भीतर से कानून का ख़ौफ़ बिल्कुल खत्म हो चुका है और वे कानून को मानो अपनी जागीर समझ बैठे हैं।
आज़ाद अली ने बताया कि भाजपा के तीन विधायकों और पदाधिकारियों समेत कार्यकर्ताओं के खिलाफ पीड़ितों द्वारा पुलिस को तहरीर दी है। किन्तु भाजपा के राज में पीड़ितों को इंसाफ मिलने की उम्मीद करना भूस में सुई ढूंढने के समान ही है। उन्होंने कहा कि किसी को भी धमका दो और चाहे किसी को भी दबा दो भाजपा इसी तानाशाही के सिद्धांत पर अपनी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि अब बहुत हुआ देश इस घुटनभरे माहौल से तंग आ चुका है। और आने वाले समय में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।