नाम वापसी के बाद चुनाव मैदान में डटे रहने वाले प्रत्याशियों की तस्वीर अब साफ हो गई है। गोरखपुर सदर सीट पर सीएम योगी के मुकाबले कुल 12 उम्मीदवार हैं। सपा ने यहां से भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र शुक्ल (अब स्वर्गीय) की पत्नी शुभावती शुक्ला को उतारा है। जबकि बसपा से ख्वाजा शमसुद्दीन और कांग्रेस से चेतना पांडेय मैदान में हैं। आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) से चंद्रशेखर रावण ताल ठोंक रहे हैं।
बुधवार को नाम वापसी में गोरखपुर के छह विधानसभा क्षेत्रों से सात प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए। सदर, कैम्पियरगंज और बांसगांव से कोई भी नाम वापसी नहीं हुई, जबकि सहजनवा से सर्वाधिक दो नाम वापस हुए। नामांकन के दौरान प्रमुख दलों के कुछ प्रत्याशियों ने अपने पुत्र तो कुछ ने पत्नियों का नामांकन पत्र भरवाया था। सभी के नामांकन जांच में वैध भी पाए गए थे। एक ही घर के लोग आमने-सामने न आएं, इसके लिए अधिकतर ने पर्चा वापस ले लिया लेकिन गोरखपुर ग्रामीण से बसपा प्रत्याशी व उनकी पत्नी चुनाव मैदान में मौजूद हैं।
नाम वापसी के बाद चुनाव मैदान में अब गोरखपुर की सभी 9 विधानसभा सीटों पर 109 प्रत्याशी मैदान में हैं। जबकि कुल 159 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। जिनमें 32 पर्चे निरस्त हो गए, वहीं 116 पर्चे ही वैध पाए गए। हालांकि इनमें कई प्रत्याशियों ने अपना नामांकन खारिज होने के डर से अपने ही परिवार के सदस्यों का निर्दलीय नामांकन करा दिया था। ताकि किसी अप्रिय स्थिति में भी वे चुनाव लड़ सकें। इनमें ग्रामीण प्रत्याशी विजय बहादुर यादव ने अपने बेटे विशाल यादव का नामांकन कराया था। वहीं सहजनवा प्रत्याशी सुधीर सिंह की पत्नी अंजू सिंह ने भी नामांकन किया था। इसी तरह खजनी से प्रत्याशी प्रशांत के लिए शैलेश कुमार, इसी तरह पिपराइच क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी दीपक अग्रवाल के पुत्र कुमार सत्यम अग्रवाल ने भी नामांकन किया था। सत्यम ने भी नाम वापस ले लिया है।