उत्तराखंड के 2.65 लाख छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का वादा करने वाली सरकार इन बच्चों के स्कूलों में बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दे पा रही है। खस्ताहाल स्कूलों को ठीक करने के बजाय वहां के छात्रों के हाथ में टैबलेट थमा देने से शायद ही शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी।यू-डाइस(एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली)की रिपोर्ट के अनुसार, अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागढ़, नैनीताल समेत कई जिलों के 3339 स्कूलों में आज तक बिजली ही नहीं पहुंच पाई है। जबकि, सरकार 709 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं और 500 स्कूलों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित करने की बात कह रही है। इतना ही नहीं, चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दलों के चुनाव घोषणा पत्र तक में स्कूलों की दशा सुधारने का जिक्र नहीं है।