इस सप्ताह प्रदर्शित ‘जिया और जिया’ बॉलीवुड की एक और लीक से हट कर बनी फिल्म है लेकिन यह इतनी आधुनिक हो गयी है कि शायद ही देशी दर्शकों को पचे। कल्कि कोचलिन और रिचा चड्ढा के अभिनय से सजी इस फिल्म का निर्देशन हॉवर्ड रोज़मायर ने किया है। फिल्म की कहानी सशक्त है खासकर अंत के दस मिनट देखने लायक हैं। निर्देशक ने अपनी पहली फिल्म में जमकर प्रयोग किये हैं जोकि शायद अलग हट कर बनी फिल्मों को देखने के शौकीन लोगों को ही पसंद आयें।
फिल्म की कहानी दो लड़कियों जिया ग्रेवाल (कल्कि कोचलीन) और जिया वेकंटराम (रिचा चड) के इर्दगिर्द घूमती है। दोनों का नाम भले समान है लेकिन दोनों के विचारों और रहन-सहन में बहुत अंतर है। दोनों एक सफर के दौरान मिलती हैं और उनकी मंजिल स्वीडन है। जिया ग्रेवाल सभी को दोस्त बनाती है, फ्लर्ट करती है और बिंदास जिंदगी जीती है वहीं जिया वेंकटराम बिलकुल उदास रहती है और लगता है कि हंसना ही भूल गयी है। उसने स्वीडन आने से पहले ही अपनी जिंदगी को खत्म करने का फैसला कर लिया था। कहानी में नया मोड़ तब आता है जब जिया ग्रेवाल की कहानी में वासु की एंट्री होती है। इस दौरान जिया वेंकटराम महसूस करती है कि अपनी जिंदगी को खत्म करने से पहले किसी की मदद कर दी जाये।
अभिनय के मामले में कल्कि का जवाब नहीं। वह फिल्म के बाकी सभी कलाकारों पर भारी पड़ी हैं। क्लाइमैक्स में तो उनके अभिनय का जवाब नहीं। रिचा का काम भी अच्छा रहा लेकिन वह अपने रोल में ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाईं। फिल्म के अन्य कलाकार ठीकठाक हैं, गीत-संगीत सामान्य है और फिल्म की कहानी तेज गति से आगे बढ़ी है लेकिन इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिसकी वजह से इस फिल्म को देखा ही जाये।
कलाकार- कल्कि कोचलिन, रिचा चड्डा, अर्सल गोनी, जरीना वहाब और निर्देशक हॉवर्ड रोज़मायर।