बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बनने के बाद मंत्रालय का बंटवारा भी हो गया। मंत्रालय में सबसे अधिक मंत्री राजद के बनाए गए। लेकिन मंत्रालय के बंटते ही कानून मंत्री बनाए गए राजद नेता और एमएलसी कार्तिकेय सिंह को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है। 16 अगस्त को उन्हें सरेंडर करना था लेकिन वे कोर्ट में पेश नहीं हुए जिसके चलते अब विपक्ष हमलावर हो गया है। वहीं जब इस मामले के बारे में कार्तिकेय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव आयोग में हलफनामा पेश किया है, इसमें मेरे खिलाफ कोई वारंट नहीं है। सबकुछ स्पष्ट है। मीडिया में चल रही बात अफवाह है।
दरअसल, साल 2014 में राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं जिनके खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है। उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था लेकिन वे उस दौरान शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है।