देहरादून। रूलक संस्था के संचालक पद्मश्री अवधेश कौशल ने चेताया कि यदि दूनघाटी में प्रदूषण का ग्राफ इसी तरह बढ़ता रहा तो अगले पांच सालों में यहां नीला आकाश दिखना भी बंद हो जाएगा।
सोमवार को जारी प्रेस बयान में पद्मश्री अवधेश कौशल ने कहा कि दून में जेनरेटर प्रतिबंधित किए गए हैं। इसके बाद भी शहरभर में जेनरेटरों की भरमार है। वाहनों की संख्या न सिर्फ बढ़ रही है, बल्कि ऐसे वाहन भी बढ़ रहे हैं, जो मानक से कहीं अधिक धुआं छोड़ रहे हैं।
गंभीर यह कि सरकार से भी किसी तरह की उम्मीद बेमानी साबित हो रही है। क्योंकि सरकारी वाहनों का बढ़ता काफिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा और इससे बड़ी कुछ विडंबना नहीं हो सकती।
कुछ दशक पहले दूनघाटी में आत्मा राम चड्ढा सीमेंट फैक्ट्री, आदित्य बिड़ला केमिकल्स, उत्तर प्रदेश कार्बाइड एंड केमिकल्स लि. व अन्य सीमेंट फैक्ट्री से लोगों का जीना मुहाल हो गया था। तब रूलक इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गया था और दूनघाटी में ऐसी फैक्ट्रियों को बंद करवाकर दब लिया था। यदि सरकार अब नहीं चेती तो रूलक को फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।