सरकारी योजनाओं में धांधली की पोल खोलती फिल्म

हिंदी सिनेमा के लिए दूसरी भाषाओं के सिनेमा से आए कलाकारों, तकनीशियनों और निर्देशकों ने काफी काम किया है। इनमें से एक नाम फिल्म ‘लुका छुपी’ से हिंदी फिल्म निर्देशक बने सिनेमैटोग्राफर लक्ष्मण उतेकर का भी है। इससे पहले वह दो फिल्में मराठी में भी निर्देशित कर चुके थे। संयोग ही है कि जियो स्टूडियोज की दो फिल्में ‘मुंबईकर’ और ‘जरा हटके जरा बचके’ इस शुक्रवार को रिलीज हो रही हैं और दोनों सिनेमैटोग्राफर से निर्देशक बने तकनीशियनों की हैं। उतेकर की पिछली फिल्म ‘मिमी’ सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई। उतेकर की नई फिल्म ‘जरा हटके जरा बचके’ भी जरा हटके है। अपने आसपास के समाज को सिनेमा को लाकर उस पर व्यंग्य कसने का साहस उन्होंने इस फिल्म में दिखाया है। पूरे देश में बंट रहे फ्री के पक्के मकानों के पीछे कैसे एक माफिया अपनी रोटियां सेकने में लगा हुआ है, इसका पर्दाफाश उनकी ये फिल्म बहुत ही अच्छे से करती है। हालांकि, फिल्म का प्रचार एक प्रेम कहानी के तौर पर हुआ है और अपने डीएनए से ये ‘लुका छिपी 2’ शीर्षक पाने की पूरी हकदार है।

विकी और सारा का लिटमस टेस्ट
विकी कौशल और सारा अली खान फिल्म ‘जरा हटके जरा बचके’ के जोड़ीदार हैं। दोनों की बतौर लीड कलाकार पिछली फिल्में सिनेमाघरों में तीन साल पहले एक हफ्ते के अंतराल पर रिलीज हुईं। ‘भूत पार्ट वन द हॉन्टेड शिप’ और ‘लव आजकल’ का बॉक्स ऑफिस पर हश्र एक जैसा ही रहा। इसके बाद विकी की दो और सारा की तीन फिल्में सीधे ओटीटी पर रिलीज हो चुकी हैं। दोनों के पिता फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अपनी जगह अब भी दमदार तरीके से टिके हुए हैं और इन दोनों को हिंदी सिनेमा में टिकाए रखने की जिम्मेदारी भी सिनेमा के दिग्गजों ने ले रखी है। इस लिहाज से दोनों के लिए फिल्म ‘जरा हटके जरा बचके’ किसी लिटमस टेस्ट के कम नहीं है। अपने प्रचार के दौरान इन दोनों ने जाहिर यही करने की कोशिश की कि ये फिल्म एक प्रेम कहानी है लेकिन लक्ष्मण उतेकर ने असल में क्या बनाया है, इस पर फिल्म के पूरे प्रचार के दौरान परदा ही डाले रखा गया।

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