नई दिल्ली। गुजरात में टाटा के नैनो कार प्लांट का उत्पादन गिरने की खबरों का हवाला देते हुए राहुल ने स्टार्ट अप इंडिया के बाद मेक इन इंडिया के भी धराशायी होने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि नैनो प्रोजेक्ट की नाकामी के साथ ही गुजरात के करदाताओं के 33 हजार करोड़ रुपये भी इसमें बर्बाद कर दिए गए। भाजपा के दिग्गजों की फौज जब गुजरात में तमाम जगहों पर मोदी के ‘मन की बात’ सुनकर प्रचार अभियान को नया तेवर दे रही थी, ठीक उसी दौरान राहुल ने ट्विटर के सहारे सियासी दांव चलाया। साणंद में नैनो प्लांट के क्षमता से बेहद कम उत्पादन की एक अखबार में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए उन्होंने ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा, ‘पीएम के खास मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हुआ अवसान। गुजरात के करदाताओं के 33 हजार करोड़ रुपये हुए इसमें स्वाहा। इसकी जवाबदेही किसकी है?’ इस सवाल के जरिये कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जवाबदेही साफ तौर पर पीएम पर डाली। गुजरात चुनाव के अपने अभियान के दौरान दो दिन पहले भी राहुल ने नैनो प्रोजेक्ट की कथित नाकामी का मुद्दा उठाया था। उनका कहना था कि नैनो परियोजना से स्थानीय गुजरातियों को कोई लाभ नहीं मिला है। न ही उन्हें नौकरियां मिली हैं। साणंद की सड़कों पर नैनो गाडिय़ां नहीं दिखने की बात भी राहुल ने की थी। ऐसे में नैनो प्लांट की उत्पादन क्षमता पर आई रिपोर्ट ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को अपनी बात साबित करने का मौका दे दिया।
गुजरात चुनाव में विकास को अहम मुद्दा बना रही कांग्रेस के लिए सियासी विमर्श को आर्थिक-सामाजिक दायरे के अंदर रखना जरूरी है। इसीलिए कांग्रेस और राहुल अपने चुनाव अभियान के दौरान मोदी के गुजरात मॉडल के विकास पर सवाल उठा रहे हैं। जीडीपी में गिरावट से लेकर जीएसटी और नोटबंदी से कारोबार-कारोबारियों पर प्रतिकूल असर को कांग्रेस जमकर उछाल रही है।