नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र का कायाकल्प करने की दिशा में अच्छी प्रगति की है। उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और निपुण भारत मिशन के अनुरूप काम किए हैं। राज्य अपने छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण नतीजे सुनिश्चित करने और ग्रेड 3 के आखिरी तक हर एक बच्चे के लिए 2026-27 तक सार्वभौमिक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम कर रहा है। माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्वन में राज्य सरकार ने निपुण भारत मिशन को योजनाबद्ध मिशन मोड में लागू किया है। प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, मऊ जैसे जिलों ने असाधारण प्रगति दिखाई है और दूसरों के लिए एक प्रेरणादायक मानक स्थापित किया है।
उत्तर प्रदेश के स्कूल शिक्षा महानिदेशक श्री विजय किरण आनंद ने कहा निपुण भारत मिशन की शुरुआत के बाद से, उत्तर प्रदेश ने शिक्षक क्षमता और प्रशिक्षण गुणवत्ता में सुधार पर जोर देने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं जिससे कि बच्चों के लिए शिक्षण के परिणामों को सुनिश्चित किए जा सकें। साथ ही, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि शिक्षकों को कक्षा में सही शैक्षणिक सहायता और साधन उपलब्धआ कराए जाएं जिससे स्कूल जाने वाले लगभग दो करोड़ बच्चे पर्याप्त बुनियादी शिक्षण कौशल हासिल करने में समर्थ बन सकें।
शिक्षा क्षेत्र में भारी बदलाव लाने के लिए कई महत्वपूर्ण और नए कदम उठाए गए हैं। योजनाबद्ध अध्यपन-कला द्वारा दैनिक पाठ योजनाओं के कार्यान्वयन, ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के लिए कैडर्स को परामर्श, साथियों से सीखने के लिए शिक्षक संकुल बैठकें और शिक्षकों की क्षमता के विकास के लिए डिजिटल प्रशिक्षण संसाधनों ने शिक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने का काम किया है। निपुण एसेस्मेंट टेस्ट मूल्यांकन, जो एक त्रैमासिक शिक्षण परिणाम-आधारित मूल्यांकन है शिक्षण के स्तर की निगरानी और उसमें सुधार करने की दिशा में अच्छाो काम कर रहा है।
राज्य की महत्वपूर्ण उपलब्धियां ये हैं निपुण लक्ष्य ऐप एक डिजिटल प्लेटफॉर्म, जो सलाहकारों, शिक्षकों, परीक्षकों और अभिभावकों को छात्रों की योग्यता के स्तर का आकलन करने में सक्षम बनाता है। निपुण भारत मॉनिटरिंग सेंटर डेटा मॉनिटरिंग और डैशबोर्डिंग के लिए एक विस्तृएत प्लेमटफॉर्म प्रदान करता है, जो डेटा-समर्थित समीक्षा और निर्णय सुनिश्चित करता है। स्कूल चलो अभियान के परिणामस्वतरूप पिछले चार वर्षों में 40 लाख छात्रों ने स्कू्लों में नाम दर्ज कराए हैं, इस प्रकार, इसने स्कूल नामांकन में आ रही गिरावट के चलन को उलट दिया है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत बुनियादी सुविधाओं में सुधार से उच्चह स्कूल मानक स्थारपित हुए हैं। और इससे 1.36 लाख स्कूलों में 19 मापदंडों में संतृप्ति हासिल हुई है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण पहल के भाग के रूप में, स्कूल के लिए लेखन-सामग्री, वर्दी, स्वेटर, जूते आदि की खरीद करने के लिए 1.91 करोड़ छात्रों के माता-पिता के बैंक खातों में 1,200 रुपये स्थानांतरित किए गए हैं।
समावेशी शिक्षा के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता क्रमशः शारदा कार्यक्रम और श्समर्थ कार्यक्रमश् के तहत ऑनलाइन ट्रैकिंग के माध्यम से 3.95 लाख से अधिक स्कूल न जाने वाले बच्चों और 2.55 लाख से अधिक विशेष जरुरत वाले बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करने से परिलक्षित होती है। इन क्षेत्रों में सफलता महत्वपूर्ण रही है, जिसने राज्य की शिक्षा पहल के लिए एक मजबूत बुनियाद तैयार करने का काम किया है।
प्रगति सराहनीय रहने के बावजूद कुछ चुनौतियाँ अभी भी समाप्त नहीं हुई हैं। छात्र उपस्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। प्रासंगिक कक्षा पद्धतियों को अपनाने में शिक्षकों का ढीला रवैया और व्यवहार परिवर्तन निरंतर चुनौती बने हुए हैं, चूंकि राज्य क्रांतिकारी शिक्षा सुधारों पर जोर दे रहा है। इन सबके बावजूद, राज्य सरकार चुनौतियों को समाप्तै करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और सही दिशा में प्रगति हो रही है।
एफएलएन पहल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। उत्तर प्रदेश में देश के दूसरे विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना राज्य को प्रमुख शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों की रीयल टाइम निगरानी के लिए सक्षम बनाती है।
हाल ही में राज्य ने मुख्यमंत्री के निपुण भारत एसोसिएट्स के माध्यम से एफएलएन सुधारों का अगला चरण शुरू किया है, इस पहल के अंतर्गत 150 युवा पेशेवरोंध्एसोसिएट्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में तैनात किया जाएगा। इन एसोसिएट को 4-चरण वाली प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा और ये राज्य भर में निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों की दिशा में प्रगति लाने और सभी बच्चों के लिए ग्रेड 3 तक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल सुनिश्चित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ काम करेंगे। ।
ये प्रतिबद्धताएं यह भी सुनिश्चित करती हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा में भारी निवेश किया है और यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक छात्र को उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।