सबसे अधिक बेरोजगार हैं राजधानी दून में

देहरादून। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या नौ लाख तक पहुंचने वाली है। इनमें तकरीबन 5.53 लाख पुरुष तो 3.45 लाख महिला बेरोजगार शामिल हैं। सबसे अधिक बेरोजगार देहरादून में पंजीकृत हैं। आंकड़ों के अनुसार देहरादून में पंजीकृत महिला बेरोजगारों की संख्या पुरुष बेरोजगारों से अधिक हैं।

यहां 94,582 महिला बेरोजगार और 88,364 पुरुष बेरोजगार पंजीकृत हैं। बेरोजगारी के इस मसले को कांग्रेस भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है।

प्रदेश में बेरोजगारी चुनावों का एक बड़ा मुद्दा रही है। प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या, यानी पलायन के पीछे भी बेरोजगारी एक बड़ा कारण है। रोजगार की तलाश में युवा विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र और प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने कौशल विकास एवं सेवायोजन नाम से नए विभाग का गठन किया है।

इसके अलावा सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। बावजूद इसके अभी भी बेरोजगारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अब इसी मसले को कांग्रेस एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने सभी जिलों से पंजीकृत बेरोजगारों के आंकड़े उपलब्ध कराते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए क्या रही है। कौशल विकास के नाम पर अभी भी कुछ नहीं हो पाया है। सरकारी नौकरी में जगह कम है तो सरकार को अन्य क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार देना होगा।

सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या

जिला—————-पुरुष—————-महिला—————-कुल

देहरादून———–88364—————94582————182946

उत्तरकाशी——–27377————–14702————–42079

चमोली————-29262————–17164————–46426

पौड़ी—————-47030————–19130————–66160

टिहरी—————54208————–22754————–76962

रुद्रप्रयाग———–16312—————8364—————24676

हरिद्वार————58403————–20435————-78838

यूएस नगर——–49652—————32790————–82442

नैनीताल————52062—————43407—————95469

चंपावत————15700—————–8947—————24647

पिथौरागढ़———-44345—————27730—————72075

बागेश्वर————-20503—————12802—————33305

अल्मोड़ा————-49582————–22436—————-72018

कुल योग———-552800————-345242—————898043

अभी तक किसानों को 67 करोड़ का ऋण

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार ने अभी तक सहकारिता विभाग के माध्यम से दो प्रतिशत ब्याज की दर से 12 जिलों में केवल 13,935 किसानों को 67.60 करोड़ का ऋण दिया है। यह संख्या काफी कम है। अभी भी हजारों किसान इस ऋण से वंचित हैं। वहीं किसानों के हितों की बात करने वाली राज्य सरकार किसानों का ऋण माफ करने की हिम्मत नहीं कर पाई है।

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