जम्मू-कश्मीर। पाकिस्तान की कायराना हरकत का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सेना ने 48 घंटों के भीतर अपने चार सैनिकों की शहादत का बदला पाकिस्तान से ले लिया। सोमवार रात भारत ने पुंछ के पास रावलाकोट सेक्टर में जवाबी फायरिंग में तीन पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक फायरिंग में एक पाकिस्तानी सैनिक घायल भी हुआ है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने एलओसी को पार किया, बॉर्डर के उस पार गए और तीन पाकिस्तान सेना के जवानों को मौत के घाट उतार दिया। सेना ने एलओसी पार जाकर आईडी प्लांट किए, इस दौरान तीन पाकिस्तानी सैनिकों के साथ क्रॉस फायरिंग हुई।
ऑपरेशन की पूरी कहानी:
विनर टाइम्स को मिली एक्सक्सलूसिव जानकारी के मुताबिक सेना की एक घातक टुकड़ी ने रविवार को शाम 6:00 बजे पुंछ के दूसरी तरफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। टारगेट तय करने के बाद दिन में करीब 2 बजे भारतीय सेना की घातक टुकड़ी ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
भारतीय सेना की घातक टुकड़ी ने करीब 3 घंटे की कार्रवाई में तीन पाकिस्तानी सैनिक मार गिराया जबकि एक घायल हुआ है। भारतीय सेना ने रविवार को इस ऑपरेशन में नियंत्रण रेखा की दूसरी तरफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान की बलूच रेजिमेंट के जवानों को निशाना बनाया।
आपको बता दें कि हाल ही में इससे पहले भारतीय सेना ने इसी इलाके में एक पाकिस्तानी स्नाइपर को ढेर किया था। सेना के सूत्रों के मुताबिक इसे सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कहा जाएगा। ये पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने वाली रेड है। सेना जरूरत पड़ने पर सरहद पर लगातार ऐसे ऑपरेशन करती रहती है।
भारत के चार जवानों को मारा था:
पाकिस्तान की ओर से की गई इस नापाक गोलीबारी में भारतीय सेना के एक मेजर और तीन जवान शहीद हो गए थे। शहीद होने वाले सभी सैन्यकर्मी 120 इन्फैंट्री ब्रिगेड बटालियन से आते थे। शहीद हुए सैन्यकर्मियों की पहचान मेजर मोहरकर प्रफुल्ला अम्बादास, लांस नायक गुरमैल सिंह और सिपाही परगट सिंह के रूप में हुई। हाल के दिनों में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़ने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है।
पहले भी घर में घुस कर की थी कार्रवाई:
आपको बता दें कि भारत ने 28 और 29 सितंबर 2016 की रात को नियंत्रण रेखा के पार जाकर सात आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यह सेना की उन आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई थी, जो नियंत्रण रेखा के रास्ते भारत में घुसपैठ करने की तैयारी कर रहे थे। यह सर्जिकल स्ट्राइक जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित सैन्य शिविर में आतंकी हमले के दो सप्ताह के दौरान की गयी थी। इस आतंकी हमले में 19 जवानों की मौत हो गई थी।